बरसात के मौसम में सबसे अधिक कीट, मच्छरों के कीटाणु व्याधियों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इन दिनों, डेंगू, मलेरिया आदि के खतरों का अंधियारा ज्यादा होता है. डेंगू का खतरा खासतौर पर बढ़ जाता है। डेंगू (Dengue) के फैलने का मुख्य कारण एडीज मच्छर के काटने से होता है, जिससे हर वर्ष लाखों लोग संक्रमित होते हैं। मरीज को डेंगू के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं जैसे तेज बुखार, हाथ पैर में दर्द और सिरदर्द इत्यादि। डेंगू से बचाव के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, इसलिए बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है।
डेंगू की प्लेटलेट्स काउंट के लिए इन फलों का करें सेवन Eat these fruits to increase platelet count in dengue
पपीते का सेवन पपीता और पपीते के पत्तों में औषधीय तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है। पपीता का सेवन करने से प्लेटलेट्स की संख्या को प्राकृतिक रूप से वृद्धि किया जा सकता है। पपीते के पत्तों में मौजूद पपैन और काइमोपपैन एंजाइन वास्कलर स्थितियों के निर्माण में मदद करते हैं, जिससे प्लेटलेट्स की वृद्धि होती है। कच्चे पपीते की सब्जी बनाकर खाने या पपीते के पत्तों की चाय पीने से प्लेटलेट्स की वृद्धि तेजी से हो सकती है। चुकंदर का सेवन चुकंदर में फाइबर की अधिक मात्रा से आपके पाचन तंत्र में स्वस्थ बैक्टीरिया का विकास बढ़ता है, जिससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। इसके साथ ही, चुकंदर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और हमोस्टेटिक तत्व प्लेटलेट्स काउंट को भी बढ़ाते हैं नेचुरल तरीके से।
कीवी का सेवन कीवी में समृद्ध रूप से विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं जो हमारे प्लेटलेट्स को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसका प्रभाव विषाणु-रोधी प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में आता है और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। कीवी फल लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है।
नारियल पानी डेंगू (Dengue) बुखार में डिहाइड्रेशन की समस्या अधिक देखने को मिल सकती है। नारियल पानी का सेवन हमें डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद कर सकता है। इससे बॉडी को पर्याप्त इलेक्ट्रोलाइट्स मिलते हैं और प्लेटलेट्स में वृद्धि भी देखने को मिल सकती है।
अनार का खाएं अनार खाने से हमें आयरन मिलता है। इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है और प्लेटलेट्स् में बढ़ोतरी होती है।
डेंगू के लक्षण Symptoms of Dengue
- सिरदर्द होना
- मांसपेशियों, हड्डियों या जोड़ों में दर्द को होना
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- आँखों के पीछे दर्द
- सूजी हुई ग्रंथियां