scriptद साइकोलॉजी ऑफ मेमोरी : रोजमर्रा की चीजें भूल जाना हमेशा खराब याददाश्त का संकेत नहीं | Forgetting everyday things is not always a sign of poor memory. | Patrika News
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द साइकोलॉजी ऑफ मेमोरी : रोजमर्रा की चीजें भूल जाना हमेशा खराब याददाश्त का संकेत नहीं

क्या आप इस बात से चिंतित हैं कि चाबी और रोजमर्रा की चीजों को खोने की आपकी आदत खराब याददाश्त का संकेत हो सकती है? खैर, एक नई किताब बताती है कि यह ‘हमेशा’ मामला नहीं हो सकता है।

जयपुरApr 29, 2024 / 03:45 pm

Manoj Kumar

Lose Your Keys?

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क्या आप इस बात से चिंतित हैं कि चाबी और रोजमर्रा की चीजों को खोने की आपकी आदत खराब याददाश्त का संकेत हो सकती है? खैर, एक नई किताब बताती है कि यह ‘हमेशा’ मामला नहीं हो सकता है।
रोड आइलैंड कॉलेज और इंडियाना यूनिवर्सिटी के दो अमेरिकी प्रोफेसरों द्वारा लिखित नई किताब ‘द साइकोलॉजी ऑफ मेमोरी’ बताती है कि कोई भी अपनी याददाश्त बढ़ा सकता है, और यह कि ‘चाबी खोना सामान्य है।’
पुस्तक में, डॉ मेगन सुमेराकी और डॉ अल्थिया नीड कामिंस्के ने कहा कि जानकारी को संग्रहीत करना और पुनर्प्राप्त करना लोगों के विचार से कहीं अधिक जटिल है।

पुस्तक ने सीखने को बेहतर बनाने के लिए सरल स्मरण-बढ़ाने वाली तकनीकों पर भी प्रकाश डाला।

याददाश्त क्यों खराब होती है? Why does memory deteriorate?

लेखकों का कहना है कि शराब, नींद की कमी और कैफीन जैसी चीजें हमारी याददाश्त को खराब कर सकती हैं।

याददाश्त कैसे सुधारें? How to improve memory?

लेखकों ने ‘पुनर्प्राप्ति अभ्यास’ जैसी स्मृति-बढ़ाने वाली तकनीकों का सुझाव दिया – स्मृति से तथ्यों को ‘खींचने’ की रणनीति। उदाहरण के लिए, हर बार जब आप किसी नए सहकर्मी से मिलते हैं, तो जानबूझकर उनका नाम बताने से आपको नाम याद रखने में मदद मिल सकती है।

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