डॉक्टरों का कहना है कि अपना ख्याल रखें और मास्क पहनकर संक्रमण (Viral infection) से बचें। अस्पताल में कई मरीज खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और नाक बहने की शिकायत लेकर आ रहे हैं।
हालांकि ज्यादातर मामलों में दिक्कतें गंभीर नहीं होतीं, लेकिन कुछ लोगों को कान में संक्रमण, घरघराहट या निमोनिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
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डॉक्टरों के अनुसार सर्दियों में मौसमी एलर्जी Seasonal allergies in winter) भी आम हैं, जिनमें छींक आना, नाक बंद होना, आंखों में पानी आना और कान में खुजली जैसे लक्षण हो सकते हैं। लेकिन एलर्जी और संक्रमण में फर्क करना जरूरी है।
इस मौसम में सामुदायिक निमोनिया ( Pneumonia) के भी मामले देखे जाते हैं, जिसमें तेज बुखार, सूखी या गीली खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। यह वायरल या बैक्टीरियल निमोनिया, या दोनों भी हो सकता है।
कभी-कभी गले में वायरल संक्रमण (Viral infection in throat) के साथ बैक्टीरिया का संक्रमण (Bacterial infection) भी हो जाता है। बच्चों, बुजुर्गों, मधुमेह रोगियों और दिल, लिवर या किडनी की समस्या वाले लोगों को इन संक्रमणों का खतरा ज्यादा होता है।
डॉक्टरों की सलाह है कि डॉक्टर से जांच कराएं कि आपको किस तरह का संक्रमण है। इसके आधार पर आपको एंटी-एलर्जी या एंटीवायरल, एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। खुद दवा लेने से बचें।
डॉक्टरों का कहना है कि दमा, कमजोर इम्यून सिस्टम (Weak immune system) या किसी बीमारी से ग्रस्त बच्चों को फ्लू का खतरा ज्यादा होता है। सर्दियों के बाद कोरोना (Covid-19) के कारण उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। हालांकि ज्यादातर संक्रमण हल्के होते हैं और आराम से ठीक हो जाते हैं।
– खूब पानी पिएं और हेल्दी खाना खाएं।
– बहुत जल्दी ऊनी कपड़े न हटाएं।
– डॉक्टर से बात करके इन्फ्लुएंजा और निमोनिया का टीका लगवाएं।
– बच्चों के बुखार पर नजर रखें। दो दिन से ज्यादा बुखार हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से दिखाएं।
– बीमार होने पर घर पर रहें और मास्क पहनें।
– खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकें।
– घर में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
इन तरीकों को अपनाकर आप सर्दी के मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं।