ऐसा कई बार कॉन्टैक्ट लेंस के कारण भी होता है, लेकिन अगर आप कांटेक्ट लेंस कैरी नहीं करते तो ये ड्राय आईज (Dry Eyes) का संकेत है, जो कई कारणों से और कई समस्याओं को पैदा करने का कारण बनता है।
ड्राय आई डिजीज कई बार ओकुलर डिजीज के चलते भी होता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के अनुसार, आंख को ठीक से ल्युब्रिकेटेड या नम रखने के लिए आंसू जरूरी होते हैं, लेकिन ड्राय आईज में ये आंसू सूखने लगते हैं।
Sings of dry eyes- ड्राय आईज सिड्रोंम के लक्षण धुंधली दृष्टि- Blurred Vision
धुंधली दृष्टि, सूखी आंख या ड्राय आईज के कारण होती है। दिन में सूखापन होने से कई बार दृष्टि धुंधली होने लगती है। आंसू की एक परत फ्रंट आईज को एक कोट कर सुरक्षित रखती है इसे टियर फिल्म के नाम से जाना जाता है, ये रौशनी को आंख में भेजने से पहले इसी से टकराती है। लेकिन जब आईज ड्राय होने लगती है तो ये सही तरीके से काम नहीं करती इससे विजन धुंधला होता है।
धुंधली दृष्टि, सूखी आंख या ड्राय आईज के कारण होती है। दिन में सूखापन होने से कई बार दृष्टि धुंधली होने लगती है। आंसू की एक परत फ्रंट आईज को एक कोट कर सुरक्षित रखती है इसे टियर फिल्म के नाम से जाना जाता है, ये रौशनी को आंख में भेजने से पहले इसी से टकराती है। लेकिन जब आईज ड्राय होने लगती है तो ये सही तरीके से काम नहीं करती इससे विजन धुंधला होता है।
लाल आंखें- Red Eyes
आई बॉल के व्हाइट आउटर लेयर पर सूजी हुई ब्लड वेसल्स के चलते आंखें का रंग लाल हो जाता है या उन्हें पूरी तरह से ब्लडशॉट यानी रक्तहीन बना देता है। अगर आंख में कोई एलर्जी या इंफेक्शन नहीं है, तो ये ड्राय आईज का ही कारण है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि प्रॉपर लु्ब्रिकेंट के बिना आंख सूखने लगती है। पलक झपकने की क्रिया से पलकें, कॉर्निया और आंख के सफेद हिस्से के अगेंस्ट रगड़ खाती हैं। यदि यह रगड़ अक्सर होती है तो यह कॉर्निया को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
आई बॉल के व्हाइट आउटर लेयर पर सूजी हुई ब्लड वेसल्स के चलते आंखें का रंग लाल हो जाता है या उन्हें पूरी तरह से ब्लडशॉट यानी रक्तहीन बना देता है। अगर आंख में कोई एलर्जी या इंफेक्शन नहीं है, तो ये ड्राय आईज का ही कारण है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि प्रॉपर लु्ब्रिकेंट के बिना आंख सूखने लगती है। पलक झपकने की क्रिया से पलकें, कॉर्निया और आंख के सफेद हिस्से के अगेंस्ट रगड़ खाती हैं। यदि यह रगड़ अक्सर होती है तो यह कॉर्निया को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
ज्यादा आंसू निकलना- Excessive Tearing
जी हां, जब आईज अंदर से ड्राय होती हैं तो आंखों से पानी गिरने लगता है। ड्राय आईज के साथ टियर प्रोडक्शन में में वृद्धि होना, बेसिकली आपकी आंखों की तरफ से एक ऐसा इंडिकेशन है कि आंखों से रिलेटेड कोई चीज है या कोई दिकत ऐसी है, जो उन्हें खराब कर रही है, जैसे आंखों में लुब्रिकेंट की कमी, जब आंखों के कॉर्निया को लगता है कि ड्राय आईज के कारण पर्याप्त आंसू नहीं आ रहे हैं या बन रहे हैं, तो यह आंखों में मौजूद टियर ग्लैंडस को टियर प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए एक मेसेज भेजता है।
जी हां, जब आईज अंदर से ड्राय होती हैं तो आंखों से पानी गिरने लगता है। ड्राय आईज के साथ टियर प्रोडक्शन में में वृद्धि होना, बेसिकली आपकी आंखों की तरफ से एक ऐसा इंडिकेशन है कि आंखों से रिलेटेड कोई चीज है या कोई दिकत ऐसी है, जो उन्हें खराब कर रही है, जैसे आंखों में लुब्रिकेंट की कमी, जब आंखों के कॉर्निया को लगता है कि ड्राय आईज के कारण पर्याप्त आंसू नहीं आ रहे हैं या बन रहे हैं, तो यह आंखों में मौजूद टियर ग्लैंडस को टियर प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए एक मेसेज भेजता है।
आंखों में भारीपन या थकान- Eye Heaviness Or Fatigue
ड्राय आईज हमेशा थकी, भारी रहती हैं। सुबह उठने के बाद भी ऐसा महूसस होना ड्राय आईज का कारण है। अपर्याप्त आंसू फिल्म आंखों को थका सकती है, या थका हुआ फील दे सकती हैं और आपकी पलकें आंख की सतह यानी आई सरफेस की रक्षा यानी प्रोटेक्शन के लिए थोड़ा सा झुकने की कोशिश करती हैं। ताकि आईज को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।
ड्राय आईज हमेशा थकी, भारी रहती हैं। सुबह उठने के बाद भी ऐसा महूसस होना ड्राय आईज का कारण है। अपर्याप्त आंसू फिल्म आंखों को थका सकती है, या थका हुआ फील दे सकती हैं और आपकी पलकें आंख की सतह यानी आई सरफेस की रक्षा यानी प्रोटेक्शन के लिए थोड़ा सा झुकने की कोशिश करती हैं। ताकि आईज को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।
लाइट संवेदनशीलता- Light Sensitivity
आंख की टियर फिल्म में व्यवधान यानी डिसरप्शन जिस तरह धुंधलापन पैदा करता या कर सकता है, वैसे ही लाइट के प्रति सेंसिटिविटी भी पैदा कर सकता है ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी टियर फिल्म पहली चीज है, जिस पर लाइट आंखों में एंटर करने से पहले हिट करती हैं। आंसू फिल्म को एक चिकनी, समान परत माना जाता है, लेकिन ड्राय आईज कभी-कभी इसे असमान और चॉपी Choppy बना सकती हैं। यही कारण है कि लाइट संवेदनशीलता यानी सेंसिटिविटी का कारण बनती है। इस स्थिति को फोटो फोबिया या एक्सट्रीम सेंसिटिविटी टु लाइट कहा जाता है।
आंख की टियर फिल्म में व्यवधान यानी डिसरप्शन जिस तरह धुंधलापन पैदा करता या कर सकता है, वैसे ही लाइट के प्रति सेंसिटिविटी भी पैदा कर सकता है ऐसा इसलिए है क्योंकि आपकी टियर फिल्म पहली चीज है, जिस पर लाइट आंखों में एंटर करने से पहले हिट करती हैं। आंसू फिल्म को एक चिकनी, समान परत माना जाता है, लेकिन ड्राय आईज कभी-कभी इसे असमान और चॉपी Choppy बना सकती हैं। यही कारण है कि लाइट संवेदनशीलता यानी सेंसिटिविटी का कारण बनती है। इस स्थिति को फोटो फोबिया या एक्सट्रीम सेंसिटिविटी टु लाइट कहा जाता है।
स्क्रैची आईज- Scratchy Eyes
जब आंसू आपकी आंख को चिकनाई यानी लुब्रिकेंट देने में विफल हो जाते हैं यानी फेल हो जाते हैं, तो यह स्थिति आपकी आंखों को रेतीला, खरोंच जैसा या किरकिरा सा महसूस करा सकती हैए जैसे कि आंखों में कोई चीज गिर गई हो।
जब आंसू आपकी आंख को चिकनाई यानी लुब्रिकेंट देने में विफल हो जाते हैं यानी फेल हो जाते हैं, तो यह स्थिति आपकी आंखों को रेतीला, खरोंच जैसा या किरकिरा सा महसूस करा सकती हैए जैसे कि आंखों में कोई चीज गिर गई हो।
झपकने में कठिनाई- Difficulty in Blinking
ब्लिंकिंग डिफिकल्टी भी, आंखों के लुब्रिकेंट से जुड़ी है। पलकों को झपकने के लिए प्रॉपर लुब्रिकेंट की जरूरत पड़ती है। बिना चिकनाहट या लुब्रिकेंट के उनको बार-बार झपकना तकलीफदेह होता है। विशेष रूप से आंखों की ऊपरी और निचली पलकें उतनी आसानी से नहीं चलतीं जितनी वे प्रॉपर लुब्रिकेंट के साथ चलती हैं।
ब्लिंकिंग डिफिकल्टी भी, आंखों के लुब्रिकेंट से जुड़ी है। पलकों को झपकने के लिए प्रॉपर लुब्रिकेंट की जरूरत पड़ती है। बिना चिकनाहट या लुब्रिकेंट के उनको बार-बार झपकना तकलीफदेह होता है। विशेष रूप से आंखों की ऊपरी और निचली पलकें उतनी आसानी से नहीं चलतीं जितनी वे प्रॉपर लुब्रिकेंट के साथ चलती हैं।
आंख पर जोर- Eye Strain
लंबे समय तक फोन, कंप्यूटर स्क्री, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या यहां तक कि किताबों को घूरते रहना भी ड्राय आइज का कारण बनात है। क्योंकि ऐसी स्थितियों में पलकें एक तिहाई से भी कम कम झपकाई जाती हैं।
लंबे समय तक फोन, कंप्यूटर स्क्री, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या यहां तक कि किताबों को घूरते रहना भी ड्राय आइज का कारण बनात है। क्योंकि ऐसी स्थितियों में पलकें एक तिहाई से भी कम कम झपकाई जाती हैं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।