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नेत्रदान के बारे में ये मिथक आपको भ्रमित कर सकते हैं, जानिए सच्चाई

Eye Donation: वर्तमान में विश्व में करीब 3.5 करोड व्यक्ति अंधता से ग्रसित है। इनमें से करीब 18 करोड़ व्यक्ति भारत में है। भारत में कुल दृष्टिहीन व्यक्तियों में से 82 प्रतिशत व्यक्ति कॉर्निया संबंधी अधता से ग्रसित है।

Nov 06, 2023 / 06:10 pm

Manoj Kumar

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वर्तमान में विश्व में करीब 3.5 करोड व्यक्ति अंधता से ग्रसित (suffering from blindness) है। इनमें से करीब 18 करोड़ व्यक्ति भारत में है। भारत में कुल दृष्टिहीन व्यक्तियों में से 82 प्रतिशत व्यक्ति कॉर्निया संबंधी अधता से ग्रसित है। कार्निया की वजह से दृष्टिहीनता का उपचार नेत्र प्रत्यारोपण के द्वारा ही संभव है।
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नेत्रदान (eye donation) के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रतिवर्ष 10 जून को विश्व नेत्रदान दिवस मनाया जाता है एवं 25 अगस्त से 08 सितम्बर तक नेत्रदान व नेत्र सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जाता है।
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के नेत्र प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ राजेश गोयल ने बताया कि वर्तमान में भारत में नेत्रदान करने वालों की संख्या बहुत कम है, जिसके लिए आमजन में फैली कुछ भ्रांतियों भी उत्तरदायी है। जिनमें से कुछ भ्रांतियों निम्न है –
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भान्ति 1- वृद्ध व्यक्ति की आंखें जिसे खुद भी कम दिखाई देता हो नेत्रदान के काम नहीं आ सकती।
सच्चाई- यह गलत है मृतक चाहे कुछ दिन या घण्टों का नवजात हो या फिर अत्यन्त वृद्ध व्यक्ति यदि – उसकी आँखों की बाहरी कॉर्निया की झिल्ली स्वस्थ और पारदर्शी है तो वह नेत्रदान कर सकता है बशर्ते उसकी मृत्यु किसी संक्रामक रोग जैसे एच आई वी हेपेटाइटिस आदि से ना हुई हो।
भान्ति 2- यदि मोतियाबिंद या काला मोतिया का ऑपरेशन हुआ है तो नेत्रदान (eye donation) नहीं कर सकते।

सच्चाई- यह गलत है यदि कॉर्निया पारदर्शी और स्वस्थ हो तो नेत्रदान किया जा सकता है।
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भान्ति 3- क्या जीवित व्यक्ति अपनी एक आंख दान (eye donation) कर सकता है।
सच्चाई- नहीं नेत्रदान केवल मरणोपरांत मृतक शरीर से मृतक के परिजनों द्वारा आई बैंक से सम्पर्क करके करवाया जा सकता है। जीवित व्यक्ति केवल नेत्रदान संकल्प कर सकता है। जीवित व्यक्ति द्वारा नेत्रदान मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम में प्रतिबंधित है।
भान्ति 4- बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति नेत्रदान (eye donation) नहीं कर सकता।
सच्चाई- संक्रामक रोगों जैसे एच आई वी एड्स हेपेटाइटिस रेबीज आदि से ग्रसित होकर मृत व्यक्ति के – शरीर से नेत्रदान नहीं कर सकता। सामान्य बीमारियों से मरने वाले नेत्रदान कर सकते हैं।
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भान्ति 5- नेत्रदान से पूर्व किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सच्चाई- नेत्रदान की प्रक्रिया 5 से 6 घण्टे में पूरी हो जानी चाहिए। आंखों की पुतलियों को बन्द करके – गीली रुई कॉटन रख दें और यदि सर पर कोई पंखा चल रहा है तो उसे बन्द कर दें ताकि ऊपरी पारदर्शी झिल्ली या कॉर्निया सूखे नहीं उसकी पारदर्शिता बनी रहे और वह प्रत्यारोपण के काम आ सके।
भान्ति 6- क्या नेत्रदान करने करवाने वाले कॉर्निया को बेच या खरीद सकते हैं।

सच्चाई- कोर्निया को खरीदना या बेचना प्रतिबन्धित है।

डॉ राजेश गोयल ने यह भी बताया कि वर्तमान में नवीनतम तकनीक के प्रयोग से एक व्यक्ति के द्वारा किये गये नेत्रदान से चार लोगों को रोशनी प्रदान की जा सकती है। इसिलिए हम सभी को आमजन में अधिक से अधिक नेत्रदान के लिए जाग्रति लानी चाहिए।
डॉ राजेश गोयल
नेत्र रोग एवम कॉर्निया रोग विशेषज्ञ
एसोसिएट प्रोफेसर
सवाई मानसिंह चिकित्सालय ,जयपुर

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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