एमजीएच के मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरभान चंचलानी ने बताया कि कई ऐसे मरीज अस्पताल आ रहे हैं, जो अच्छी तरह से खाना खाने के कुछ समय बाद फिर खाना मांग लेते हैं। उन्हें यह भी याद नहीं रहता कि उन्होंने खाना खाया है। कई मरीज नहाने के बाद भी फिर नहाने चले जाते हैं। कई मरीज ऐसे हैं जो अपनी दिनचर्या में शामिल गतिविधियों को कई बार दोहराते हैं, क्योंकि उन्हें याद नहीं रहता कि वह यह काम कर चुके हैं।
चिकित्सक ये मानते वजह
चंचलानी ने बताया कि सब्जियों व फलों में पेस्टीसाइड के ज्यादा प्रयोग, एलईडी बल्ब, टीवी, मोबाइल, सभी प्रकार के नशे की प्रवृति इस रोग को बढ़ाने में मददगार है। विटामिन बी 1, बी6, बी 12 व विटामिन ई की कमी भी कारण बनती है। ब्रेन ट्यूमर, शराब, एमडी ड्रग्स का प्रयोग, गुटखा व तम्बाकू का सेवन और मोबाइल रेडियेशन और अनियंत्रित डायबिटीज इसके कारण बनते है।पांच सौ से ज्यादा पर शोध
उम्र का बारीकी से अध्ययन चिकित्सकों के मुताबिक भीलवाड़ा में एमजीएच और निजी अस्पताल में पांच सौ से अधिक मरीजों पर डेमेन्शिया बीमारी को लेकर शोध हुआ। इनमें उम्र को लेकर बारीकी से चिकित्सकों ने अनुसंधान किया। अनुसंधान में पाया कि यह बीमारी अब 50 साल के आसपास वालों को भी होने लगी है। ऐसे में यह मामला गंभीर होता जा रहा है। लोकेश सोनी