किसे मिलता ESIC लाभ
ESIC के दायरे में 10 या 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी, जबकि महाराष्ट्र और चंडीगढ़ में 20 या इससे ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी इसके दायरे में आती हैं। इसमें कर्मचारी का रजिस्ट्रेशन नियोक्ता की ओर से किया जाता है। सैलेरी की लिमिट : 21 हजार या इससे कम आय । दिव्यांगों के लिए न्यूनतम 25 हजार रुपए महीना, अधिकतम सीमा नहीं है। कौन देता है योगदानः तीन वर्षों के लिए अंशदान केंद्र सरकार करती है। कर्मचारी 1.75, नियोक्ता का 4.75 फीसदी होता है।
ESIC : क्या मिलते हैं फायदे
ESIC : चिकित्सा लाभः
बीमित व्यक्ति व आश्रित पारिवार के सदस्यों को रोजगार में आने के दिन से चिकित्सा लाभ मिलता है। इसे उपलब्ध कराने का दायित्व राज्य सरकार का होता है। यह भी पढ़ें : National Health Claim Exchange: मरीजों के लिए खुशखबरी, अब होगा स्वास्थ्य बीमा क्लेम का तेज और पारदर्शी निपटान
मातृत्व लाभ:
प्रेग्नेंसी के 12 सप्ताह तक, गर्भपात के मामले में 26 सप्ताह तक दैनिक वेतन का 100 फीसदी नकद, गर्भधारण, प्रसूति, समय पूर्व जन्म के कारण होने वाली बीमारी में 30 दिन से ज्यादा का भुगतान किया जाता है।आश्रितजन लाभ
बीमारी के दौरान ईएसआइसी अधिकतम 91 दिनों के उसके लिए, भत्ते का 70 फीसदी आश्रितों को नियत अनुपात में मासिक पेंशन का भुगतान करती है। पेंशन बीमित व्यक्ति की पत्नी, बच्चों और माता-पिता को दिया जाता है। जाता है। यह भी पढ़ें : Healthcare Insurance : स्वास्थ्य बीमा हो सकता है सस्ता, बीमा लेने से पहले इन 10 बातों का रखें ध्यान
ESIC : ये लाभ भी मिलते हैं
– चोट लगने के कारण स्थाई रूप से डिसेबल होने पर 24 माह तक नकद मासिक भत्ता मिलता है। – रिटायरमेंट या स्थायी अपंगता के कारण नौकरी छोड़ने वालों को या पत्नी को 120 रुपए सालाना का चिकित्सा लाभ मिलता है। – गर्भवती बीमित महिला या बीमित व्यक्ति की पत्नी को जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने पर दूसरे अस्पतालों में उपचार के लिए नकद राशि दी जाती है।
– मृत्यु होने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि के लिए मूल व्यय या अधिकतम 10 हजार रुपए का भुगतान होता है।