विशेषज्ञों की मानें तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पेट की सेहत के लिए वरदान होता है. यदि सुबह की शुरुआत इस पानी से की जाए तो पेट की तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं। सुबह उठते ही बासे मुंह इस पानी को पीना चाहिए इसके लिए रात को ही इस पानी को बर्तन में भरकर रख दें और सुबह उठकर पीएं। तांबे में ऐसे कई तत्व होते हैं । जो पेट के लिए फायदेमंद माने जाते हैं रातभर में ये पानी में अच्छे से मिक्स हो जाते हैं. लेकिन इस बर्तन को किसी लकड़ी की मेज या तख्ते पर ही रखें जमीन पर न रखें।
फाइबर से भरपूर डाइट पाचन तंत्र को मजबूत करने का काम करती है । पाचन तंत्र मजबूत रहने से आपका खाना अच्छे से पच जाता है और पेट की सेहत दुरुस्त रहती है इसलिए अपनी डाइट में रेशेदार फल साबुत अनाज हरी सब्जियां फलियां वगैरह को शामिल करें। लेट नाइट डिनर की आदत को बदल दें।
पेट की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए गुनगुना पानी भी काफी मददगार माना जाता है. रोजाना खाना खाने के करीब आधा घंटे के बाद गुनगुना पानी पीने से डायजेशन बेहतर होता है। रोजाना कम से कम सुबह खाली पेट और दोनों समय खाने के आधे घंटे बाद पानी जरूर पीएं।
त्रिकोणासन पश्चिमोत्तानासन और पवनमुक्तासन आदि तमाम योगासनों को पेट की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है । इन्हें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। साथ ही सुबह व शाम वॉक जरूर करें। शाम की वॉक खाने के बाद करें. सुबह के समय चलने की स्पीड तेज रखें। लेकिन शाम की वॉक में ज्यादा तेजी न करें। शाम की वॉक के बाद पांच मिनट वज्रासन में बैठें।
कहा जाता है कि हर व्यक्ति को सप्ताह में एक दिन का व्रत जरूर रखना चाहिए. इससे शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और पेट की गड़बड़ी दूर होती है. व्रत एक तरह से पाचन तंत्र को रीसेट करने का काम करता है. इसलिए हफ्ते में एक दिन व्रत जरूर रखा करें.