फीवर की हो सकती है कई वजह There can be many reasons for fever
डॉ. सोनिया रावत ने एक इंटरव्यू में बताया कि बुखार (fever) आने पर हमारे शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है। फीवर की कई वजह हो सकती हैं। कई बार वायरल तो कभी बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से बुखार आने लगता है। बुखार आने पर लोगों को पैरासिटामोल लेने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर का टेंपरेचर नॉर्मल हो सके। अगर बुखार आने पर दवा न ली जाए, तो इससे गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं। बुखार आने पर दवा न ली जाए, तो इससे हमारे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
ब्रेन को हो सकता है नुकसान There could be damage to the brain
डॉक्टर ने बताया कि अत्यधिक बुखार में दवा न लेने पर टेंपरेचर ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे ब्रेन को नुकसान हो सकता है और मरीज की कंडीशन बिगड़ सकती है। डेंगू में बुखार आने पर शरीर में प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है और इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। दवा न लेने पर बुखार शरीर में लंबे समय तक रह सकता है और इससे सिरदर्द, शरीर में दर्द, अत्यधिक थकावट और कमजोरी आ सकती है। अगर बुखार किसी बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन की वजह से आ रहा है, तो ऐसी कंडीशन में दवा न लेने से इंफेक्शन बढ़ सकता है।
बारिश के मौसम में बैक्टीरियल इंफेक्शन बुखार वजह Bacterial infection causes fever during rainy season
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगर किसी को एक या दो दिनों तक बुखार आए और दवा लेने के बावजूद फायदा न मिले, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है और ऐसी कंडीशन में दवा न लेना और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। बारिश के मौसम में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से बुखार के मामले बढ़ जाते हैं। इन दिनों बड़ी संख्या में लोग वायरल फीवर का शिकार हो रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति को बुखार महसूस हो, तो थर्मामीटर से अपना टेंपरेचर माप लें। अगर यह सामान्य से ज्यादा हो, तो पैरासिटामोल दवा लें।