स्वास्थ्य

Cervical cancer : पीरियड्स की हैवी ब्लीडिंग को नहीं करें नजरअंदाज, हो सकता है सर्वाइकल कैंसर का संकेत

Cervical cancer : कभी-कभी हमारा शरीर गंभीर बीमारियों के संकेत देता है, लेकिन हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं। 39 वर्षीय एक महिला की कहानी इस बात का स्पष्ट उदाहरण है। उसकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उसे पता चला कि उसकी भारी मासिक धर्म की समस्या वास्तव में चौथे चरण के सर्वाइकल कैंसर का संकेत थी।

जयपुरSep 08, 2024 / 11:22 am

Puneet Sharma

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Cervical cancer : कभी-कभी हमारा शरीर गंभीर बीमारियों के संकेत देता है, लेकिन हम उन्हें अनदेखा कर देते हैं। 39 वर्षीय एक महिला की कहानी इस बात का स्पष्ट उदाहरण है। उसकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उसे पता चला कि उसकी भारी मासिक धर्म की समस्या वास्तव में चौथे चरण के सर्वाइकल कैंसर का संकेत थी।

कैसे आम दिखने वाली बीमारी बदली कैंसर में How a common disease turned into cancer

महिला का नाम एम्मा मैकक्विटी है, जो आयरलैंड के नॉर्थ बेलफास्ट से हैं। उन्हें लगातार रक्तस्राव और दर्द का सामना करना पड़ रहा था, जिससे उनकी चलने की क्षमता भी प्रभावित हो गई थी। फरवरी में, उन्होंने आपातकालीन विभाग में जाकर अपनी समस्या बताई। हालांकि, 15 घंटे अस्पताल में बिताने के बाद, उन्हें केवल दर्द निवारक दवाएं देकर घर भेज दिया गया। अगले छह महीनों में उन्होंने कई बार अस्पताल का दौरा किया, लेकिन हर बार उन्हें वही निराशाजनक उत्तर मिला।

क्यों होता है गर्भाशय का कैंसर Why does uterine cancer occur?

ब्रिटेन में हर साल लगभग 3000 महिलाएं गर्भाशय कैंसर का शिकार होती हैं। यह कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से की परत को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में असामान्य रक्तस्राव, यौन संबंध के दौरान दर्द, पेल्विस में दर्द और योनि से बदबूदार डिस्चार्ज शामिल हैं। इसके कारणों में एचपीवी संक्रमण, धूम्रपान, गर्भनिरोधक गोलियां, गर्भधारण और परिवार में कैंसर का इतिहास हो सकता है। गर्भाशय कैंसर का चौथा चरण सबसे गंभीर होता है, जिसमें कैंसर अन्य अंगों में फैल जाता है। इस चरण का इलाज करना कठिन होता है और आमतौर पर कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का सहारा लिया जाता है।

कैंसे बचे गर्भाशय कैंसर से How to have children from uterine cancer

गर्भाशय कैंसर से बचने के लिए नियमित जांच कराना आवश्यक है। सभी महिलाओं को 25 से 64 साल की उम्र में यह जांच करानी चाहिए। एचपीवी वैक्सीन भी इस कैंसर से सुरक्षा में सहायक हो सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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