कोविड के बाद अकसर लोग इसकी वजह कोविड की वेक्सीन को मान रहे थे और हर वक्त उसको जिम्मेदार बताते रहते थे। लेकिन इसके अलावा इसके कई कारण है। आज हम जानेगे की हार्ट की बीमारी के क्या क्या कारण हो सकते हैं।
जेनेटिक्स दिल की बीमारी (Heart Disease) का होने का कारण जेनेटिक्स को भी माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यदि परिवार में किसी को दिल की बीमारी होने पर आपके भी ऐसा होने की संभावना बढ जाती है। ऐसा जीन्स की वजह से होता है क्योंकि कुछ जीन्स संवेदनशील होते हैं।
अनहेल्दी डाइट खराब खानपान दिल की बीमारी को बढावा दे सकती है। जब हम ज्यादा फैट, हाई कोलेस्ट्रॉल और सोडियम वाली डाइट लेते हैं तो उससे हमारी धमनियां सख्त बन जाती है और इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल हाई कोलेस्ट्रोल हमारी दिल की बीमारी (Heart Disease) के जोखिम को बढ़ा देता है इस वजह से आर्टरीज में प्लेग जमा हो जाता है और धीरे धीरे ब्लड फ्लो कम हो जाता है।
डायबिटीज डायबिटीज की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब ब्लड शुगर का लेवल हाई होता है तो इससे धमनियां सख्त हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
तनाव अकसर लोग तनाव को ही दिल की बीमारी (Heart Disease) का सबसे बड़ा कारण मानते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तनाव के वक्त कोर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्पादन होता है जिससे हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है इसके साथ ही रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी बढ़ जाता है।
स्मोकिंग स्मोकिंग को दिल की बीमारी का एक अहम फैक्टर माना जाता है। स्मोक करने से आर्टरीज सख्त बनने लगती हैं, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है। उम्र उम्र बढ़ने के साथ साथ दिल की बीमारी की समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र के साथ आर्टरीज सख्त हो जाती है और प्लेग या ब्लड क्लॉट जमा हो जाता है, जिससे ब्लड फ्लो कम हो जाता है।
हार्ट डिजीज (Heart Disease) को कम करने के लिए हमें हेल्दी खाना, खाना चाहिए। इसी के साथ हमें रोज एक्सरसाइज पर ध्यान देना भी जरूरी होता है। समय समय पर ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल की जांच करवाते रहना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।