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अब 30 साल पहले ही पता चलेगा Heart Disease का खतरा, जानें कैसे

Heart Disease Risk in Women : विज्ञानियों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने एक साधारण रक्त परीक्षण विकसित किया है जो महिलाओं में 30 साल के हृदय रोग के जोखिम की भविष्यवाणी कर सकता है।

जयपुरSep 01, 2024 / 12:00 pm

Manoj Kumar

Discover Your Heart Disease Risk 30 Years in Advance with a Simple Blood Test

Discover Your Heart Disease Risk 30 Years in Advance with a Simple Blood Test

Heart Disease Risk in Women : एक नई शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने एक साधारण रक्त परीक्षण (Simple Blood Test) विकसित किया है जो महिलाओं में अगले 30 वर्षों में हृदय रोग के जोखिम का अनुमान लगाने में सक्षम हो सकता है। इस परीक्षण के ज़रिए दो विशेष प्रकार के वसा और सूजन के एक मार्कर ‘सी-रिएक्टिव प्रोटीन’ (सीआरपी) को मापकर हृदय रोग (Heart Disease) के खतरे का पता लगाया जा सकता है।

हृदय रोग के जोखिम की पहचान में एक नई पहल A new approach to identifying heart disease risk

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया है कि खून में वसा के दो प्रकारों के साथ-साथ सूजन के एक मार्कर सीआरपी को मापकर एक महिला के हृदय रोग (Heart Disease) के जोखिम का अनुमान लगाया जा सकता है। बोस्टन के ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल में सेंटर फॉर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज प्रिवेंशन के डायरेक्टर, पॉल एम रिडकर के अनुसार, “हम उन चीजों का इलाज नहीं कर सकते जिन्हें हम माप नहीं सकते। हमें उम्मीद है कि ये निष्कर्ष हृदय रोग (Heart Disease) का जल्दी पता लगाने और उसे रोकने के बेहतर तरीकों की पहचान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।”

30 साल की दीर्घकालिक स्टडी

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में अमेरिका के 27,939 स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के खून के नमूने और उनकी मेडिकल जानकारी का विश्लेषण किया गया। ये सभी प्रतिभागी महिला स्वास्थ्य अध्ययन में शामिल थीं और इनकी औसत आयु 55 वर्ष थी। 1992 से 1995 के बीच अध्ययन की शुरुआत की गई और करीब 30 सालों तक इन महिलाओं के स्वास्थ्य पर नजर रखी गई।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

इस दीर्घकालिक अध्ययन के दौरान, 3,662 प्रतिभागियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, रक्त संचार को बहाल करने के लिए सर्जरी या हृदय संबंधी मृत्यु के मामले दर्ज किए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च संवेदनशीलता सीआरपी, निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल, और लिपोप्रोटीन (ए) – जो कि एलडीएल से बना एक लिपिड है – अकेले और सामूहिक रूप से इन घटनाओं की भविष्यवाणी करने में सक्षम थे।
जब इन तीनों मापों का एक साथ मूल्यांकन किया गया, तो पाया गया कि उच्चतम स्तर वाले प्रतिभागियों में स्ट्रोक का खतरा 1.5 गुना से अधिक और कोरोनरी हृदय रोग का खतरा 3 गुना से अधिक बढ़ गया था। जबकि सबसे कम स्तर वाली महिलाओं में ऐसा कोई खतरा नहीं देखा गया।

पुरुषों के लिए संभावित समान प्रभाव

हालांकि यह अध्ययन विशेष रूप से महिलाओं पर केंद्रित था, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों में भी इसी तरह के परिणाम मिल सकते हैं। नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टीट्यूट (एनएचएलबीआई) के प्रोग्राम डायरेक्टर अहमद ए.के. हसन ने कहा, “हाल के वर्षों में, हमने यह जानने में महत्वपूर्ण प्रगति की है कि सूजन के बढ़े हुए स्तर कैसे लिपिड्स के साथ क्रिया करके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।”

हृदय रोग के जोखिम को कम करने के सुझाव Tips to reduce the risk of heart disease

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि हृदय रोग (Heart Disease) के जोखिम को कम करने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि, हृदय के लिए स्वस्थ आहार, तनाव प्रबंधन, तंबाकू से बचने और धूम्रपान छोड़ने की आदतों को अपनाना चाहिए। ये सरल उपाय न केवल हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, बल्कि दीर्घकालिक रूप से जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं।
इस नए शोध के माध्यम से, हृदय रोग (Heart Disease) के शुरुआती निदान और प्रबंधन के लिए नए मार्ग खुल सकते हैं, जिससे महिलाओं में हृदय रोग के कारण होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सकेगा।
(आईएएनएस)

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