विशेषज्ञों का नजरिया
मुंबई के एक प्रमुख अस्पताल की प्रमुख आहार विशेषज्ञ स्वीदल त्रिनिदादे ने बताया कि देसी घी (Desi Ghee) में फैटी एसिड की प्रचुरता होती है, जो चावल में कार्बोहाइड्रेट की पाचन प्रक्रिया को धीमा कर सकती है, जिससे इंसुलिन की तेजी से वृद्धि को कम किया जा सकता है। आधा कप चावल में एक चम्मच देसी घी मिलाने से इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो सकता है और ऊर्जा का विमोचन धीरे-धीरे होता है।सावधानी और सलाह
हालांकि, सभी को इसका लाभ नहीं हो सकता। जिन लोगों को अनियंत्रित मधुमेह (Diabetics) या हृदय संबंधी जोखिम हैं, उन्हें देसी घी के संतृप्त वसा की मात्रा के कारण सावधानी बरतनी चाहिए। यह कैलोरी का सेवन भी बढ़ाता है, जो वजन नियंत्रण को बाधित कर सकता है, जो मधुमेह प्रबंधन (Diabetes Management) के लिए महत्वपूर्ण है।लंबी अवधि के रणनीति और विशेषज्ञ मार्गदर्शन
दोनों विशेषज्ञों ने किसी भी आहार परिवर्तन से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करने पर जोर दिया। जबकि यह सरल रसोई उपाय सैद्धांतिक रूप से मदद कर सकता है, अतिरिक्त वजन कम करना, सक्रिय रहना और पौष्टिक आहार लेना मधुमेह (Diabetics) देखभाल के लिए दीर्घकालिक रणनीतियाँ हैं। पारंपरिक खाद्य पदार्थों जैसे चावल का लाभ उठाने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन का पालन करें, जबकि स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।अतिरिक्त सुझाव
मधुमेह (Diabetics) के प्रबंधन के लिए केवल एक उपाय पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हैं। यदि आप चावल का सेवन कर रहे हैं, तो ब्राउन राइस या मल्टीग्रेन विकल्पों का चयन भी लाभकारी हो सकता है। स्वास्थ्य और भोजन के प्रति सचेत रहना ही मधुमेह (Diabetics) प्रबंधन की कुंजी है। हर व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकताएँ अलग होती हैं, इसलिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है।