डॉक्टर को बुखार और चकत्ते की शिकायत थी, जबकि उनकी बेटी में हल्का बुखार जैसे मामूली लक्षण दिखे। दोनों के संक्रमण की पुष्टि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने की है।
जीका वायरस क्या है?
जीका वायरस एक मच्छर जनित बीमारी है। यह उसी तरह फैलता है जैसे डेंगू और चिकनगुनिया का बुखार। एडीज एजिप्टी नाम का मच्छर इसके फैलने के लिए जिम्मेदार होता है।जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस से संक्रमित सभी लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते। जिन लोगों में लक्षण दिखते हैं, उनमें ये हो सकते हैं:- बुखार
- जोड़ों में दर्द
- सिरदर्द
- आंखों में लालिमा (conjunctivitis)
- थकावट
- शरीर पर लाल चकत्ते
बचाव कैसे करें?
जीका वायरस से बचाव के लिए मच्छरों से अपना बचाव करना सबसे जरूरी है। आप ये उपाय अपना सकते हैं:
- अपने आसपास पानी जमा न होने दें।
- घर की खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं।
- पूरी बांह वाले कपड़े पहनें।
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- मच्छरों को दूर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सतर्कता जरूरी
जीका वायरस गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चों के लिए खासतौर पर खतरनाक है। अगर आप गर्भवती हैं और आपको जीका वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अभी घबराने की जरूरत नहीं पुणे में सामने आए ये अभी शुरुआती मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग इन मामलों पर नजर रख रहा है और जरूरी कदम उठा रहा है। आप मच्छरों से बचाव करके खुद को सुरक्षित रखें। अगर आपको कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।