क्या है सीपीआर? What is CPR?
कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) एक ऐसी तकनीक है जिसमें रोगी के दिल की धड़कन रुकने पर बाहरी दबाव डालकर रक्त प्रवाह को जारी रखने का प्रयास किया जाता है। डॉ. प्रशांत ने बताया, “जब व्यक्ति का हार्ट पंप करना बंद कर देता है, तब हार्ट पर बाहरी दबाव बनाकर खून को हार्ट तक पहुँचाया जाता है। इसके साथ ही कुछ दवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है।”How is CPR given?
सीपीआर (CPR) देते समय रोगी की छाती पर लगभग 2 इंच (5 सेंटीमीटर) सीधा नीचे की ओर दबाव दिया जाता है। यह प्रक्रिया लगातार लगभग 20 मिनट तक की जानी चाहिए। इस दौरान व्यक्ति की जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर प्रशांत ने बताया, “सीपीआर (CPR) को बायीं ओर दिया जाना चाहिए और यह प्रक्रिया गोल्डन पीरियड में करना अति आवश्यक होता है।”
गोल्डन पीरियड का महत्व Importance of Golden Period
गोल्डन पीरियड वह समय होता है जिसमें 10 से 15 सेकंड के भीतर यह तय किया जाता है कि रोगी को सीपीआर (CPR की आवश्यकता है या नहीं। इस समय में निर्णय लेना ही रोगी की जीवन रक्षा में मददगार साबित हो सकता है। डॉक्टर के अनुसार, “सबसे पहले यह देखना होता है कि मरीज कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है। यदि कैरोटिड आर्टरी में पल्स नहीं है तो सीपीआर तुरंत शुरू कर देना चाहिए।”हर किसी को होनी चाहिए सीपीआर की जानकारी Everyone should know CPR
डॉ. प्रशांत ने इस बात पर जोर दिया कि हर किसी को सीपीआर की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक विशेष कोर्स होता है जिसे बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) कहा जाता है। “आज के समय में सभी को बीएलएस कोर्स करना चाहिए ताकि वे इमरजेंसी स्थिति में किसी की जान बचा सकें,” डॉक्टर ने कहा। बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों के बीच, सीपीआर जैसी तकनीकों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। इससे हम न केवल अपने प्रियजनों की बल्कि अनजान लोगों की भी जान बचा सकते हैं। जीवन रक्षा की यह तकनीक सभी को सीखनी चाहिए ताकि वे जरूरत पड़ने पर किसी की सहायता कर सकें।