स्वास्थ्य

कोविड ने बढ़ाया High Cholesterol का खतरा, नई रिसर्च का खुलासा

Covid increases the risk of high cholesterol : कोविड-19 महामारी ने विश्व स्वास्थ्य को एक नई चुनौती दी है, और अब एक नए शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि इस महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस का संक्रमण डिस्लिपिडेमिया, या उच्च कोलेस्ट्रॉल, के विकास का जोखिम लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।

जयपुरNov 04, 2024 / 06:52 pm

Manoj Kumar

Covid increases the risk of high cholesterol

High cholesterol : कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में स्वास्थ्य समस्याओं को नई दिशा दी है। हाल ही में अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के कारण डिस्लिपिडेमिया या उच्च कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) विकसित होने का खतरा लगभग 30 प्रतिशत बढ़ जाता है।

अध्ययन का आधार Covid increases the risk of high cholesterol

यह अध्ययन दो लाख से अधिक वयस्कों पर आधारित है, जिसमें यह जांचा गया कि कोविड-19 के बाद blood में असामान्य लिपिड स्तर कैसे हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह Lipid Levels का बढ़ना हृदयाघात (Heart attack) और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।

वृद्ध वयस्कों और मधुमेह से ग्रसित लोगों में जोखिम

शोध के निष्कर्षों के अनुसार, वृद्ध वयस्कों और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) वाले व्यक्तियों में डिस्लिपिडेमिया विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना बढ़ जाता है। इस बात की पुष्टि करते हुए प्रोफेसर गेटानो ने बताया कि कोविड-19 के कारण रक्त वाहिकाओं की अंतःस्तर कोशिकाओं के कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
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लिपिड स्तर की निगरानी की आवश्यकता

शोधकर्ताओं ने लोगों को अपने लिपिड स्तर (Lipid Levels) की नियमित रूप से जांच करने की सलाह दी है। प्रोफेसर गेटानो ने विशेष रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) से ग्रसित व्यक्तियों को समय पर उपचार करवाने का सुझाव दिया। यह सलाह केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो कोविड-19 का औपचारिक रूप से उपचार करवा चुके हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जिनमें संक्रमण का पता ही नहीं चला।

कोविड-19 के प्रभाव का तुलनात्मक अध्ययन

शोध ने 2017-2019 के बीच इटली के नेपल्स में रहने वाले दो लाख वयस्कों के समूह में डिस्लिपिडेमिया की घटनाओं का अध्ययन किया और 2020-2022 के बीच उसी समूह के साथ तुलना की। अध्ययन के परिणामों से स्पष्ट हुआ कि कोविड-19 के कारण सभी प्रतिभागियों में डिस्लिपिडेमिया विकसित होने का जोखिम औसतन 29 प्रतिशत बढ़ गया।

विशेष समूहों में उच्च जोखिम

शोध में यह भी पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और पुरानी बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों, जैसे मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग, पुरानी प्रतिरोधी फुफ्फुसीय बीमारी और उच्च रक्तचाप वाले लोगों में इस जोखिम में और वृद्धि होती है।
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यह शोध कोविड-19 के संक्रमण के बाद स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभावों को उजागर करता है। यह आवश्यक है कि लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और नियमित रूप से अपनी जांच कराएं ताकि किसी भी संभावित समस्या को समय पर पहचाना जा सके।

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