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जिनकी फैमिली है पूरी तरह से वैक्सीनेटेड, उनमें कोरोना संक्रमण की संभावना कम

कोरोना वायरस वैक्सीनेशन ना केवल एक व्यक्ति को बल्कि परिवार को भी सुरक्षित करता है। स्वीडन के एक ताजा अध्ययन में इस बात का पता चला है कि जिन परिवारों में ज्यादातर सदस्य पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होते हैं, उनके बाकी सदस्यों के संक्रमित होने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम होती है।

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Covid-19 infection chances are less if family members are Fully Vaccinated, claims study

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर के खतरों से पहले एक अच्छी खबर सामने आई है। स्वीडन में हुए एक नए राष्ट्रव्यापी अध्ययन से पता चला है कि जिस परिवार के अधिकांश सदस्यों को कोरोना वायरस टीका लगा हुआ है, उस घर के बचे हुए सदस्यों में इसके फैलने की संभावना कम होती है। अध्ययन के मुताबिक या तो पिछले संक्रमण से या पूर्ण टीकाकरण से प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) वाले परिवार के अधिकांश सदस्यों की संख्या, कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) के खिलाफ घर में अन्य गैर-प्रतिरक्षित (नॉन-इम्यून) व्यक्तियों के संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम करती है।
अध्ययन के निष्कर्षों ने एक परिवार में इम्यून सदस्यों की संख्या और नॉन-इम्यून परिवार के सदस्यों में संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम के बीच एक डोज-रिस्पॉन्स लिंक की पहचान की। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह पाया गया है कि नॉन-इम्यून व्यक्तियों में संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 45% से 97% कम था, क्योंकि इम्यून परिवार के सदस्यों की संख्या में वृद्धि हुई थी।
स्वीडन के यूमिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर नॉर्डस्ट्रॉम ने कहा कि अध्ययन के नतीजों का दृढ़ता से सुझाव है कि कोविड-19 टीकाकरण “न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि संचरण (ट्रांसमिशन) को कम करने के लिए भी है, विशेष रूप से उन परिवारों के भीतर, जहां संचरण के लिए एक उच्च जोखिम वाला वातावरण है।”
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यह नवीनतम शोध एक रजिस्ट्री-आधारित अध्ययन है, जो पिछले उन कई अध्ययनों से अलग जिसमें शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कैसे कोविड-19 टीकाकरण वायरस से संक्रमित होने के जोखिम को काफी कम करता है। इस अध्ययन में स्वीडन के 8 लाख से अधिक परिवारों के 18 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।
शोधकर्ताओं ने स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी, नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर और सांख्यिकीय आंकड़ों की देखरेख करने वाली सरकारी एजेंसी स्टैटिस्टिक्स स्वीडन से रजिस्ट्री डेटा को जोड़ा। इसके बाद, कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी वाले परिवार के सदस्यों की संख्या और नॉन-इम्यून लोगों में संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम के बीच संबंध निर्धारित किया गया था।
यूमिया में डॉक्टरेट के छात्र और अध्ययन के सह-लेखक मार्सेल बॉलिन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण भी “अधिक लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं, इस बात के जोखिम को..” और “उभरते और तेजी से फैलने वाले” नए वेरिएंट्स को कम से कम कर देता है। स्वीडिश आबादी के आधार पर, अध्ययन में उम्र में अंतर, परिवारों के भीतर क्लस्टरिंग, सामाजिक आर्थिक स्थिति और कई निदानों को पहले कोविड-19 के जोखिम कारकों के रूप में देखा गया था।
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