स्वास्थ्य

बढ़ती उम्र को थामने का रास्ता? वैज्ञानिकों ने खोजे संवेदनशील “एजिंग स्पॉट्स”

Ways to stop ageing : वैज्ञानिकों ने हाल ही में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने में एक नई सफलता हासिल की है। चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) और बीजीआई रिसर्च की एक टीम ने चूहों के विभिन्न अंगों में लाखों स्थानिक धब्बों का गहन विश्लेषण कर उच्च परिशुद्धता वाले स्थानिक ट्रांसक्रिप्टोमिक मैप तैयार किए हैं।

जयपुरNov 11, 2024 / 10:28 am

Manoj Kumar

Could Aging Be Stopped Scientists Identify Sensitive Aging Spots

Could Aging Be Stopped: उम्र बढ़ने की प्रक्रिया एक रहस्यमयी विषय रहा है, जिसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने वर्षों तक रिसर्च की है। हाल ही में चीनी विज्ञान अकादमी (सीएएस) और बीजीआई रिसर्च के वैज्ञानिकों ने इस दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है। इन्होंने यह समझने का प्रयास किया कि इम्युनोग्लोबुलिन (Immunoglobulins) कैसे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया (Aging process) को प्रभावित करता है।

WCould Aging Be Stopped : टिश्यू और कोशिकाओं का विस्तृत अध्ययन

वैज्ञानिकों ने नर चूहों के नौ अलग-अलग अंगों में लाखों स्थानिक धब्बों का विश्लेषण किया और उच्च परिशुद्धता वाले स्थानिक ट्रांसक्रिप्टोमिक मैप बनाए। इन मैप्स ने 70 से अधिक प्रकार की कोशिकाओं की संरचना का खुलासा किया, जिससे उम्र बढ़ने के पैटर्न (Patterns of aging) को समझने में मदद मिली।

जेरोंटोलॉजिकल ज्योग्राफी: एक नई शोध विधि

“जेरोंटोलॉजिकल ज्योग्राफी” नामक इस शोध ने उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में टिश्यू की संरचनात्मक गड़बड़ी और कोशिकीय पहचान के हानि को उजागर किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि उम्र बढ़ने (Aging) के दौरान शरीर के ऊतकों में संरचनात्मक असंतुलन आता है और कोशिकाओं की पहचान कम होती जाती है, जिससे अंगों की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
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उम्र बढ़ने के नए प्रमुख कारक: इम्युनोग्लोबुलिन का संचय

प्रोफेसर लियू गुआंगहुई के अनुसार, यह शोध उम्र बढ़ने के केंद्रों को पहचानने और इम्युनोग्लोबुलिन के संचय को उम्र बढ़ने (Aging) के मुख्य चालक के रूप में उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इम्युनोग्लोबुलिन, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है, का अधिक संचय उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को गति दे सकता है।

सेनेसेंस-सेंसिटिव स्पॉट्स (SSS) की पहचान

टीम ने “सेनेसेंस-सेंसिटिव स्पॉट्स” (SSS) की पहचान की, जो वे स्थान हैं जो उम्र बढ़ने (Aging) के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। इन क्षेत्रों में ऊतकों की संरचनात्मक गड़बड़ी और कोशिकाओं की पहचान में हानि होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये SSS उम्र बढ़ने के केंद्र बन सकते हैं, जो पूरे अंग की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

पैन-ऑर्गन एजिंग का स्थानिक ट्रांसक्रिप्टोम मैप

यह अध्ययन पहली बार “पैन-ऑर्गन एजिंग” के स्थानिक ट्रांसक्रिप्टोम मैप को दर्शाता है, जो यह बताता है कि उम्र बढ़ने (Aging) की प्रक्रिया पूरे शरीर में कैसे फैलती है। यह शोध अंगों में उम्र बढ़ने के संवेदनशील क्षेत्र और सूक्ष्म पर्यावरणीय विशेषताओं का भी सटीक विश्लेषण करता है।

उम्र बढ़ाने के विज्ञान में नई संभावनाएं

यह अध्ययन न केवल उम्र बढ़ने (Aging) की प्रक्रिया को समझने में मददगार है, बल्कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने और उससे जुड़ी बीमारियों को रोकने के नए मार्ग भी सुझाता है। उम्मीद है कि इस शोध से आगे के उपचार और तकनीकों का विकास होगा जो उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम कर सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।
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अध्ययन का भविष्य और इसकी संभावनाएं

इस अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि उम्र बढ़ने (Aging) की प्रक्रिया को समझने और उस पर नियंत्रण पाने के प्रयास में हम कई महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ चुके हैं। वैज्ञानिक इस शोध के आधार पर ऐसी तकनीकों के विकास की दिशा में काम कर रहे हैं, जो उम्र को थामने में मदद कर सकती हैं।

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