इम्यून सिस्टम या प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जो शरीर की बाहरी खतरों से सुरक्षा करती है। जैसे ही कोई वायरस बैक्टीरिया या रोगजनक शरीर पर आक्रमण करते हैं तो अपने आप ही यह प्रणाली सक्रिय हो जाती है और इनसे बचाव की प्रक्रिया शुरु कर देती है। यह बहुत ही जटिल प्रणाली होती है, जो पूरे शरीर में फैली होती है। इसमें अनेक रसायन और भिन्न-भिन्न प्रकार की कोशिकाएं होती हैं, जो शरीर की रक्षा के लिए अलग-अलग तरीके से काम करती हैं। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ इंसानों में ही होती है यह अन्य जीवों में भी होती हैं जो संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं।
डॉ शान-लू लियू और उनके सहयोगियों को सार्स सीओवी-2 के बारे में कुछ नई जानकारियां भी प्राप्त हुईं उन्होंने पाया कि वायरस से जुड़ा स्पाइक प्रोटीन उसे कोशिकाओं के भीतर प्रसार की क्षमता प्रदान करता है। स्पाइक वायरस के प्राइमरी रिसेप्टर से जुड़ा होता है और सेल्स को टारगेट करने का काम करता है। इसके बावजूद प्राइमरी रिसेप्टर कोशिकाओं के बीच वायरस के प्रसार का जरूरी हिस्सा नहीं होता। डॉ लियू के मुताबिक स्पाइक प्रोटीन सार्स सीओवी-2 और सार्स सीओवी दोनों के लिए सेल-टू-सेल ट्रांसमिशन आवश्यक और पर्याप्त है, क्योंकि इन स्यूडोवायरस में एकमात्र अंतर स्पाइक प्रोटीन था। उन अंतरों को और अधिक गहराई से देखने पर रिसर्चर्स ने पाया कि सार्स सीओवी-2 भी लक्षित सेल मेंब्रेन के साथ फ्यूजन में सार्स सीओवी की तुलना में अधिक सक्षम है. यह वायरल इंट्री प्रोसेस में एक और महत्वपूर्ण कदम है।