कोल्ड ड्रिंक (Cold drink effects on lungs) का सेवन हमें वेटगेन और डायबिटीज के खतरे की और दखेल रहा है साथ ही यह हमारे लंग्स के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रहा है। नियमित रूप से कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन करने से कोल्ड ट्रिगर में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप खांसी, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा के अन्य लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
कोल्ड ड्रिंक पर हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय Cold drink effects on lungs
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक (Cold drink effects on lungs) का सेवन करने से फेफड़ों की क्षमता में कमी आ सकती है। इसके परिणामस्वरूप अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे व्यक्ति को बार-बार सांस फूलने और खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है। वास्तव में, कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाले रासायनिक तत्व और फ्रुक्टोज की अधिकता फेफड़ों में सूजन को बढ़ावा देती है, जिससे ऊपरी श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह भी पढ़ें
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कोल्ड ड्रिंक से लंग्स को होने वाले नुकसान Harm to lungs from cold drinks
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का जोखिम Risk of Chronic Obstructive Pulmonary Disease
कोल्ड ड्रिंक्स (Cold drink effects on lungs) पीने से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) का खतरा बढ़ जाता है। यह फेफड़ों और हवा को नुकसान पहुंचाता है। इससे एयरफ्लो ब्लॉक होने से कफ, घबराहट, थकान और सीने में जकड़न बढ़ जाती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को कफ के साथ म्यूकस की भी समस्या रहती है। समय पर इलाज करने से इस समस्या के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।लंग्स की फंक्शनिंग को कम करना Decreased lung functioning
लंबे समय तक ठंडा पानी या कार्बोनेडिट ड्रिंक्स पीने से लंग्स की फंक्शनिंग 10 से 15 मिनट तक स्लो हो जाती है। साइंस डायरेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार 1000 एमएम ठंडा पानी पीने से फोर्सड वाइटल कपेसिटी (forced vital capacity) 5% कम हो जाती है। रोज़ाना ठंडा पीने से गले में दर्द होता है, जो सूखी खांसी का भी कारण है। वहीं ठंडे पानी से नोज़ रनिंग और नाक बंद होने की समस्या बढ़ जाती है। यह भी पढ़ें