आइजेनमेंगर सिंड्रोम क्या है? (Eisenmenger syndrome)
आइजेनमेंगर सिंड्रोम में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और हार्ट से लेकर फेफड़ों तक सही तरीके से ब्लड नहीं पहुचं पाता। ये रोग उनमें भी नजर आता है जिनके दिल की बनावट सही नहीं होती। आइजेनमेंगर सिंड्रोम एक जन्मजात बीमारी होती हैं। इस बीमारी की वजह यह होती है कि दिल से फेफड़ों तक जाने वाली धमनियों की ब्लड वैसल्स कड़क हो जाती हैं और फेफड़े तक खून नहीं पहुंचता। ये बीमारी जानलेवा हो सकती है। अगर गर्भवती महिला को ये बीमारी है तो मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और हार्ट से लेकर फेफड़ों तक सही तरीके से ब्लड नहीं पहुचं पाता। ये रोग उनमें भी नजर आता है जिनके दिल की बनावट सही नहीं होती। आइजेनमेंगर सिंड्रोम एक जन्मजात बीमारी होती हैं। इस बीमारी की वजह यह होती है कि दिल से फेफड़ों तक जाने वाली धमनियों की ब्लड वैसल्स कड़क हो जाती हैं और फेफड़े तक खून नहीं पहुंचता। ये बीमारी जानलेवा हो सकती है। अगर गर्भवती महिला को ये बीमारी है तो मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of eisenmenger syndrome)
1. आइजेनमेंगर सिंड्रोम में सीने में दर्द या थकान महसूस होता है।
2. थकान के साथ सिर में दर्द भी बहुत रहता है।
3. हाथ या पैर में झुनझुनी होना भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम का लक्षण है।
4. चक्कर आना या बेहोशी आइजेनमेंगर सिंड्रोम का गंभीर लक्षण हैं।
5. जकड़न महसूस होना, पैल्पिटेशन की समस्या भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण हैं।
1. आइजेनमेंगर सिंड्रोम में सीने में दर्द या थकान महसूस होता है।
2. थकान के साथ सिर में दर्द भी बहुत रहता है।
3. हाथ या पैर में झुनझुनी होना भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम का लक्षण है।
4. चक्कर आना या बेहोशी आइजेनमेंगर सिंड्रोम का गंभीर लक्षण हैं।
5. जकड़न महसूस होना, पैल्पिटेशन की समस्या भी आइजेनमेंगर सिंड्रोम के लक्षण हैं।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम की समस्या क्यों होती है? (Causes of eisenmenger syndrome)
ब्लड फ्लो में बाधा पहुंचने से ही ये बीमारी होती है। इस बीमारी के ग्रस्त लोगों के हार्ट के दाहिने या बाएं पंपिंग चैंबर में छेद भी होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि फेफड़ों से शरीर के बाकि हिस्सों में खून जाने के बजाय दोबारा फेफड़ों में खून लौटने लगता है। साइनोटिक हार्ट डिसीज, एट्रियल सेप्टिक डिफेक्ट आदि बीमारी के कारण हो सकते हैं।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम का इलाज (Eisenmenger syndrome treatment)
ब्लड फ्लो में बाधा पहुंचने से ही ये बीमारी होती है। इस बीमारी के ग्रस्त लोगों के हार्ट के दाहिने या बाएं पंपिंग चैंबर में छेद भी होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि फेफड़ों से शरीर के बाकि हिस्सों में खून जाने के बजाय दोबारा फेफड़ों में खून लौटने लगता है। साइनोटिक हार्ट डिसीज, एट्रियल सेप्टिक डिफेक्ट आदि बीमारी के कारण हो सकते हैं।
आइजेनमेंगर सिंड्रोम का इलाज (Eisenmenger syndrome treatment)
1. आइजेनमेंगर सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को टेस्ट के बाद उन्हें ऑक्सीजन दिया जाता है।
2. रेड ब्लड सेल्स को कम कर ब्लड की कमी को दूर करने के लिए लिक्विड डाइट पर मरीज को रखा जाता है।
3. ब्लड वैसल्स को खोलने के लिए दवाएं भी देते हैं।
4. गंभीर मरीजों को हार्ट व लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।
5. आइजेनमेंगर सिंड्रोम का इलाज तुरंत शुरू किया जाए तो व्यक्ति लंबे समय तक हेल्दी लाइफ जी सकता है।
2. रेड ब्लड सेल्स को कम कर ब्लड की कमी को दूर करने के लिए लिक्विड डाइट पर मरीज को रखा जाता है।
3. ब्लड वैसल्स को खोलने के लिए दवाएं भी देते हैं।
4. गंभीर मरीजों को हार्ट व लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है।
5. आइजेनमेंगर सिंड्रोम का इलाज तुरंत शुरू किया जाए तो व्यक्ति लंबे समय तक हेल्दी लाइफ जी सकता है।
तो अगर आपको ऐसे लक्षण या संकेत मिल रहे है जो ऊपर लिखे संकेतों से मैच करते हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।