स्वास्थ्य

चेहरा और गाल रहता है हमेशा लाल, तो नहीं है ये अच्छा संकेत, इन 8 बीमारियों का है ये लक्षण

The reason why cheeks and face are always red :गाल पर लालिमा देखने में भले ही अच्छी लगती हो, लेकिन अगर ये स्किन पर हमेशा बनी रहे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये लालिमा 8 बीमारियों का संकेत है।

Mar 16, 2022 / 08:20 am

Ritu Singh

चेहरा और गाल रहता है हमेशा लाल, तो नहीं है ये अच्छा संकेत, इन 8 बीमारियों का है ये लक्षण

कई लोगों के चेहरे किसी भी मौसम में चेहरे या गाल लाल ही नजर आते हैं। सेब या टमाटर जैसे ये गाल कई कारणों से होते हैं। हालांकि, ऐसे लाल गाल पहला लक्षण संवेदनशीलता का दिखाते हैं। स्किन जिनकी अधिक सेंसेटिव होती है, उनमें ये परेशानी नजर आती है। सनबर्न से लेकर एलर्जी के साथ कई अन्य वजहों से भी ये लालिमा बनी रहती है। तो चलिए आज इसके पीछे के वो कारण जानें।
इन कारणों से चेहरे पर नजर आती है अधिक लालिमा
1. रोजेशिया
चेहरे पर लालपन, त्वचा की खुजली और मुंहासे का कारण कई बार रोजेशिया नामक बीमारी होती हैं। कई बार इसके कारण आंखों में भी समस्याएं दिखने लगती हैं। इस बीमारी में डेयरी प्रोडक्ट्स, मसालेदार भोजन, कैफीन और शराब से बिलुक दूर रहने की जरूरत होती है। साथ ही सीधे सनलाइट में आने से स्थिति और बिगड़ जाती है। महिलाओं में रोजशिया ज्यादा देखने को मिलता है।
रोजेशिया कैसे छुटकारा पाएं: रोजेशिया को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। खानपान पर कंट्रोल के साथ सनस्क्रीन लगाने से भी इस बीमारी को रोका जा सकता है।
2. सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस
स्किन पर लाल चकत्ते बनना सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस का लक्षण भी होता है। इस बीमारी में चेहरे पर नाक के पास, भौंहों के बीच और कानों के पीछे ये लालिमा वाले चकत्ते नजर आते हैं। रैशेज के कारण त्वचा तैलीय हो सकती है, लेकिन ज्यादातर त्वचा रूखी और पपड़ीदार दिखाई देती है।
सेबोरहाइक से छुटकारा कैसा पाया जा सकता है: सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस के लिए डॉक्टरी इलाज की जरूरत होती है। डैंड्रफ शैम्पू और दवा का उपयोग करना शामिल होता है जो कुछ हद तक इस बीमारी से बचाता है। हालांकि, इसके लिए प्रॉपर मेडिकेशन की जरूरत होती है।
3. एटोपिक डर्मेटाइटिस
ये एक तरहा का एक्जिमा है। ये अचानक से होने वाले दाने का कारण बन सकता है। बच्चे के गालों पर अक्सर इस तरह के खुजली वाले दाने देखने को मिलते हैं। दाने वाली त्वचा बेहद शुष्क, पपड़ीदार और खुजलीदार महसूस होती है। हर मौसम परिवर्तन के साथ या खांसी और सर्दी के इन्फेक्शन के कारण चकत्ते और खुजली बढ़ जाती है।
एटोपिक से कैसे मिल सकता है छुटकारा: प्रॉपर मेडिकेशन, ड्रेसिंग, फोटोथेरेपी और तनाव को कम रखने के अलावा, मॉइस्चराइज़र लगा कर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
4 . कांटेक्ट डर्माटाइटिस
एक ऐसी स्थिति होती जिसमे आप किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने से कुछ ऐसे लक्षण दीखते हैं, जैसे त्वचा में खुजली का होना या एलर्जी का महसूस होना। कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस में साबुन या हेयर डाई से परेशानी बढ़ती है। इससे इरिटेंट कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस भी कहते हैं। ये एलर्जी कई कारणों से बढ़ सकती है। क्रीम या डीयो आदि से भी नुकसान होता है।
कैसे छुटकारा पाएं: यह दाने अपने आप साफ हो जाते हैं , इसे एलर्जी से बचाना होता है। आपके वातावरण में रोजमर्रा की चीजें, यह पता लगाना एक चुनौती हो सकती है कि दाने का कारण क्या है।
5. एसएलई डर्माटोमायोसिटिस यानि कोलेजन वस्कुलर डिसऑर्डर
कनेक्टिंग टिश्यू डिसऑर्डर (सीटीडी) लगातार इम्यून मेडिएटेड इंफ्लामेशन से होनी वाली बीमारी है। सीटीडी से चेहरे का फटना अधिक दर्द देने वाली और गंभीर समस्या हो सकता है। गालों और नाक के पास तितली के आकार के लाल लाल चकत्ते हो जाते है। इस बीमारी की गंभीरता में बालों का पतला होना, मुंह के छाले, जोड़ों में दर्द, थोड़ी मेहनत करने पर सांस लेने में कठिनाई आदि जैसे अन्य लक्षण भी होते हैं।
छुटकारा कैसे मिलेगा: इसके लिए मेडिकेशन की जरूरत होती है।
6. दवाओं का साइड इफेट
कुछ दवाएं सनबर्न जैसी प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं। निर्देशित से अधिक समय तक हाइड्रोकार्टिसोन (एक स्टेरॉयड) क्रीम जैसी दवा का उपयोग करने से भी त्वचा की समस्या हो सकती है।
कैसे छुटकारा पाएं: लाली को साफ़ करने के लिए आपको धूप से दूर रहना चाहिए, दवा के साथ आई जानकारी की जांच करें। लालिमा बहुत लंबे समय तक हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम जैसी दवा का उपयोग करने के कारण होती है, तो हो सकता है कि आप अपने दम पर दाने से छुटकारा पाने में सक्षम न हों और इसके लिए आपको किसी प्रमाणित त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श की आवश्यकता हो।
7. फेशियल एरिथ्रोमेललगिया
एरिथ्रोमेललगिया एक दुर्लभ विकार है जो जलन, दर्द, लालिमा और बढ़े हुए तापमान की विशेषता है जिसमें आमतौर पर बहरी कारक शामिल होते हैं। चेहरे पर उपस्थित एरिथ्रोमेललगिया विशेष रूप से दुर्लभ है। इसका एक प्राथमिक रूप है जिसमें आनुवंशिक रूप से निर्धारित न्यूरोपैथिक कारण है और दूसरा कैंसर भी हो सकता है, मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर, कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर, संक्रमण और विषाक्तता से भी जुड़ा हो सकता है।
इलाज कैसे करें: रोग का निदान मुख्य रूप से परेशान करें वाली स्थिति और रोगियों और उनके रिश्तेदारों की बीमारी से निपटने की क्षमता पर निर्भर करता है। आनुवंशिक परीक्षण, दर्द को कम करने के उद्देश्य से किये उपचार और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार उपचार करने का एक सटीक तरीका है।
8. सेजरी सिंड्रोम यानी कैंसर
सेज़री सिंड्रोम एक प्रकार का टी-सेल त्वचीय लिंफोमा (सीटीसीएल) है, जो एक दुर्लभ कैंसर है। सीटीसीएल एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका में शुरू होता है जिसे टी-लिम्फोसाइट (टी-सेल) कहा जाता है। इस कैंसर के लक्षण त्वचा पर शुरू होते हैं क्योंकि ज्यादातर टी-सेल्स त्वचा में पाए जाते हैं।

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