5 से 10 साल की उम्र के बच्चों में ध्यान न केंद्रित करने की समस्या आम होती है। लेकिन जब आपका बच्चा किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है तो इसके लिए आप बहुत सी कोशिशें करते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी जब आपका बच्चा किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित या अटेंशन पे नहीं करता है तो इसे AHD का संकेत भी माना जाता है।
जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उनमें जिद्दीपन और किसी की भी बात न मानने जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं। बच्चों में इस आदत के विकसित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन जब आपके बच्चे में यह समस्या लगातार बनी रहती है तो इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं। बच्चों का किसी की बात न सुनना या हर बात की अवज्ञा करना अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एडीएचडी अपोजिट डिफेंट डिसऑर्डर ओडीडी और आचरण विकार सीडी आदि समस्याओं के कारण हो सकता है।
बच्चों की दूसरों को दोष देने की आदत उनकी संगत की वजह से विकसित हो सकती है। लेकिन जब बच्चा हर बात पर दूसरों को दोष देने की कोशिश करता है या अपनी गलतियों से बचने की कोशिश करता है तो ऐसे में आपको इससे उबरने के लिए विशेष तरीके को अपनाने की जरूरत है। यह आदत लगभग हर बच्चे में बचपन के दौरान होती है और इसके लिए माता-पिता को बच्चों के साथ नरमी से पेश आना चाहिए। बच्चों को अपनी गलती मान लेने के बारे में सिखाने से यह समस्या दूर हो सकती है।
बच्चे अक्सर बड़े होने पर खेलकूद के दौरान एक दूसरे से लड़ाई या बहस कर लेते हैं। लेकिन जब बच्चा हर किसी बात पर दूसरे के ऊपर शारीरिक आक्रमण करने लगे तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कई बार बच्चों में यह समस्या आचरण विकार सीडी का संकेत हो सकती है। कंडक्ट डिसऑर्डर या आचरण विकार से ग्रसित बच्चों में यह समस्या बार-बार हो सकती है।
बच्चों का हर बात पर नकारात्मक रुख अपनाना भी एक तरह की व्यवहार से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को बच्चों में सकारात्मकता लाने के लिए उनके खानपान खेलकूद और व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए।