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Cardiovascular Disease: हार्ट डिजीज से बचने के लिए जानिए कैसी होनी चाहिए आपकी ‘खाने की थाली’

Heart disease diet plan: कार्डियोवस्कुलर डिजीज यानी हार्ट की बीमारी में खानपान का विशेष ध्यान देना होता है। तो चलिए आपको बताएं कि दिल की बीमारियों में या इस बीमारी से बचने के लिए आपकी थाली कैसी होनी चाहिए।

Apr 22, 2022 / 08:20 am

Ritu Singh

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Cardiovascular heart disease eating plate

हृदय की बीमारियां होने के पीछे कई कारण होते हैं। हाइपरटेंशन, डायबिटीज, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल जैसे बीमारियों के चलते दिल की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। लाइफस्टाइल और डाइट का बिगड़ना होना इन बीमारियों की वजह बनती है। तो चलिए आज आपको ऐसी डाइट के बारे में बताएं तो हार्ट से लेकर कोलेस्ट्राॅल और डायबिटीज से लेकर हाई बीपी तक में फायदेमंद है।
दिल को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए जरूरी है कि सही समय पर सही खानपान हो। केवल कम ऑयल से पका हुआ ही नहीं, बल्कि हाई फाइबर, प्रोटीन और लो कार्ब्स वाली डाइट से हार्ट के साथ ब्‍लडप्रेशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा कंट्रोल रहता है।
जानिए कैसी होनी चाहिए आपकी थाली-Know how your plate should be

एक थाली लें और उसे तीन हिस्सों में खाने को बांटना होगा। थाली के आधे हिस्‍से के बराबर वाला पहला भाग सलाद और हरी पत्तेदार सब्जियों से भरा रख्आखें। थाली के एक चौथाई हिस्‍से वाले दूसरे भाग में प्रोटीन युक्‍त खाने, जैसे दही, दूध, दही, दाल-राजमा, चना आदि होनी चाहिए। थाली के आखिरी एक चौथाई वाले तीसरे हिस्‍से में मल्टी ग्रेन वाली रोटी रखें। हाईफाइबर के लिए आप इसमें सोयाबीन, चना, जौ और बाजरे के साथ थोड़ा सा गेहूं का आटा मिला लें। इसकी रोटी ही आपको खानी चाहिए। एक या दो रोटी भरपूर होगी।
दिल- डायबिटीज-मोटापे- कोलेस्ट्रॉल के लिए आहार योजना-Diet plan for heart- diabetes-obesity- cholesterol

अनाज: होलग्रेन सीरियल्‍स का प्रयोग करें। रिफाइंड चीजें मैदा आदि से दूर रहे। गेहूं का दलिया, ज्वार, बाजरा, रागी, जौ, कुटकी, कोदो, चीना सामा, सांवा और कांगनी जैसे मोटे अनाज आपकी डाइट का हिस्सा होने चाहिए। इनसे हमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामिन, मिनरल, बीकॉम्‍प्‍लेक्‍स जैसे न्‍यूट्रिएंट्स और एनर्जी भी मिलती है।
सब्जियां: रंग-बिरंगी मौसमी सब्जियों को अपने खाने में शामिल करें। सब्जियां जो कच्ची खाई जा सकती हैं उन्हेें सलाद में शामिल केरं। पूरे दिन में सब्जी की चार सर्विंग होनी चाहिए, जिसमें दो सर्विंग सलाद के रूपमें और दो सब्जी के रूप में। सब्जियों से मिलने वाला एंटीऑक्‍सीडेंट हमारे हार्ट के लिए लाभदायक है, वहीं फाइबर शरीर के फैट, कोलेस्ट्रॉल और शुगर को कम करने में मदद करता है।
फ्रूट्स: सीजनल और नेचुरल कलरफुल फ्र्ट्स को डाइट में शामिल करें। विटामिन सी युक्त फल आपकी डाइट का हिस्सा जरूर होने चाहिए। चाहिए. फ्रूट्स की न्‍यूनतम दो से तीन सर्विंग हर दिन की होनी चाहिए। अमरूद, कीनू, अनार का सेवन काभी लाफदायक है। फ्रूट्स से मिलने वाला हाईफाइवर और मिनिरल्‍स हमारे हार्ट के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काफी लाभदायक है।
ऑयल: किसी भी शख्‍स को एक महीने में 500 एमएल से अधिक ऑयल या घी का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रति दिन हम तीन से चार चम्‍मच घी या तेल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसमें एक चम्‍मच घी की हो सकती है और दो से तीन चम्‍मत तेल की हो सकती है।
दूध या डेयरी प्रोडक्‍ट: कई लोग ऐसा सोंचते हैं कि दूध में हम पानी डाल देंगे तो फैट की मात्रा कम हो जाएगी। असल में ऐसा करने से दूध की न्‍यूट्रीशियन वैल्‍यू कम जरूर हो जाती है। पानी मिलाने की जगह आप दूध से क्रीम निकाल लें या लो फैट मिल्क यूज करें।
तो इस तरह की आहार योजना अपके दिल से लेकर शरीर की अन्य बीमारियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होगी।

डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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