Calcium and Hemoglobin Deficiencies : गरीबी और स्वास्थ्य: एक गंभीर समस्या
किशोर ने इन स्वास्थ्य समस्याओं को ग्रामीण क्षेत्रों में फैली गरीबी से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि नेताओं की सतही नीतियाँ और उपाय, जैसे कि चार किलो अनाज देना, गरीबी और कुपोषण की मूल समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही हैं। उनका कहना है कि यह तरीका असंतोषजनक है और नारी स्वास्थ्य की वास्तविक समस्याओं को नजरअंदाज करता है।
वोट और शिक्षा: एक आवश्यक अपील
किशोर ने लोगों से अपील की कि वे शिक्षा को प्राथमिकता दें और राजनीति के मौजूदा नेताओं की योजनाओं पर निर्भर न रहें। उन्होंने कहा कि नेताओं की प्राथमिकता है कि लोग पढ़ाई के बजाय अनाज के लिए वोट दें, ताकि शिक्षा का स्तर गिरा रहे और गरीब लोग हमेशा उनके अधीन रहें। किशोर ने कहा, “भले ही आप कम खाएं, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा दें। अगर आप बहुत गरीब हैं और चार बच्चे हैं, तो कम से कम एक को पढ़ाएं। एक educated बच्चा पूरे परिवार को ऊपर उठा सकता है।”
भविष्य के लिए आश्वासन
किशोर ने लोगों को आश्वासन दिया कि अगले वर्ष वे ऐसी व्यवस्थाएँ करेंगे जिससे बच्चों को बाहर जाकर पढ़ाई और रोजगार के लिए नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा, “आज ही एक संकल्प लें कि आप अपने बच्चों को पढ़ाएंगे और भविष्य में उन्हें बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होगी।” प्राशांत किशोर ने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा की समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों से इन मुद्दों के समाधान के लिए सतर्क रहने की अपील की।
(आईएएनएस) –