आंत्र कैंसर क्या है? What is bowel cancer?
आंत्र कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर (Bowel cancer) भी कहा जाता है, बड़ी आंत (कोलोन और रेक्टम) में होने वाला कैंसर है। यह कैंसर के मामलों में एक प्रमुख स्थान रखता है, और इसके इलाज में देर से पहचान एक बड़ा चुनौती बन जाती है। इस बीमारी का समय रहते इलाज और रोकथाम बेहद महत्वपूर्ण है, और यही कारण है कि वैज्ञानिक इसके लिए नए उपचार और रोकथाम के उपायों की खोज में लगे हुए हैं।रेस्वेराट्रोल का महत्व Importance of Resveratrol
रेस्वेराट्रोल एक प्राकृतिक रसायन है जो विशेष रूप से अंगूर, ब्लूबेरी, रास्पबेरी और मूंगफली में पाया जाता है। यह रसायन कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जैसे कि हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और सूजन को कम करना। अब ब्रिटिश वैज्ञानिक इसे आंत्र कैंसर की रोकथाम में भी प्रभावी मान रहे हैं। यह भी पढ़ें : शरीर से Uric Acid को बाहर निकाल देंगे ये 8 सुपरफूड्स
शोध में नई दिशा
लीसेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने रेस्वेराट्रोल के संभावित लाभों पर काम करना शुरू किया है। हालांकि, रेड वाइन के सेवन से कैंसर से बचाव नहीं होता है, क्योंकि वाइन में अल्कोहल होता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। लेकिन, शोधकर्ताओं का ध्यान केवल शुद्ध रेस्वेराट्रोल पर है, जो कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है। शोध में एस्पिरिन और मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं का भी परीक्षण किया जा रहा है, जो आंत्र पॉलीप्स को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती हैं।
जीवनशैली में बदलाव से बेहतर परिणाम
प्रोफेसर करेन ब्राउन, जो इस शोध का नेतृत्व कर रही हैं, का कहना है कि आंत्र कैंसर के जोखिम को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका जीवनशैली में सुधार करना है। इसमें धूम्रपान से बचना, स्वस्थ वजन बनाए रखना और संतुलित आहार लेना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत स्क्रीनिंग विधियों के साथ आंत्र कैंसर का समय पर पता लगाना अब काफी आसान हो गया है।आगामी परीक्षण और इसके प्रभाव
ब्रिटिश शोधकर्ताओं का यह परीक्षण कैंसर रिसर्च यूके द्वारा वित्तपोषित है, और इसका उद्देश्य यह देखना है कि रेस्वेराट्रोल और अन्य दवाएं आंत्र पॉलीप्स को बढ़ने से कैसे रोक सकती हैं। इस परीक्षण में इंग्लैंड और वेल्स के 60 स्थानों पर 1,300 रोगियों को शामिल किया जाएगा। परीक्षण में भाग लेने वाले रोगियों को विभिन्न उपचार दिए जाएंगे, जैसे कि एस्पिरिन और मेटफॉर्मिन या रेस्वेराट्रोल और प्लेसिबो। एक साल बाद सभी समूहों को कोलोनोस्कोपी से जांचा जाएगा, ताकि यह देखा जा सके कि पॉलीप्स बढ़े हैं या नहीं।
संभावित बदलाव
अगर इस शोध में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो यह आंत्र कैंसर (Bowel cancer) की रोकथाम के लिए नए विकल्प प्रदान कर सकता है। विशेष रूप से, यह उन लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है जो आंत्र कैंसर के उच्च जोखिम वाले हैं, जैसे कि वृद्ध लोग। यह भी पढ़ें : Shilpa Shetty ने 32 किलो वजन कैसे घटाया: सरल टिप्स फॉलो करें इस अध्ययन का उद्देश्य आंत्र पॉलीप्स को रोकने और आंत्र कैंसर (Bowel cancer) के खतरे को कम करने के उपायों पर नए दृष्टिकोण प्रदान करना है, जो भविष्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
रेस्वेराट्रोल और अन्य संभावित दवाओं पर हो रहे इस शोध से आंत्र कैंसर (Bowel cancer) के इलाज और रोकथाम में नई दिशा मिल सकती है। यदि यह परीक्षण सफल रहता है, तो यह आंत्र कैंसर के उपचार और रोकथाम के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।