ब्लड ग्रुप और उसकी पहचान | Blood Type Increase Stroke Risk
मानव ब्लड को ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम के तहत चार मुख्य प्रकारों में बांटा गया है: A, B, AB और O।यह वर्गीकरण लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) में पाए जाने वाले विशेष रासायनिक घटकों के आधार पर किया जाता है।
ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक के बीच संबंध | Link between blood type and stroke
2022 में किए गए एक शोध में यह जांच की गई कि Blood type A1 उपसमूह (A1 Subgroup) और शुरुआती स्ट्रोक के बीच क्या संबंध है। यह भी पढ़ें : Heart attack warning signs : हार्ट अटैक से पहले पहचानें ये 5 चेतावनी संकेत
अध्ययन के आंकड़े 48 आनुवंशिक अध्ययनों (Genetic Studies) का डेटा लिया गया।
इसमें 17,000 स्ट्रोक रोगी और लगभग 6 लाख गैर-स्ट्रोक व्यक्तियों को शामिल किया गया।
सभी प्रतिभागियों की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच थी।
अध्ययन के आंकड़े 48 आनुवंशिक अध्ययनों (Genetic Studies) का डेटा लिया गया।
इसमें 17,000 स्ट्रोक रोगी और लगभग 6 लाख गैर-स्ट्रोक व्यक्तियों को शामिल किया गया।
सभी प्रतिभागियों की आयु 18 से 59 वर्ष के बीच थी।
शोध निष्कर्ष शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन व्यक्तियों का ब्लड ग्रुप A है, उनमें 60 वर्ष की उम्र से पहले स्ट्रोक का जोखिम 16% अधिक था। वहीं, O ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में यह जोखिम 12% कम पाया गया।
ब्लड ग्रुप A क्यों बढ़ा सकता है स्ट्रोक का खतरा? | Why can blood type A increase the risk of stroke?
विशेषज्ञों का कहना है कि रक्त समूह A के जोखिम का संबंध खून के थक्के (Blood Clot) बनने की प्रक्रिया से हो सकता है। इसमें प्लेटलेट्स, रक्त वाहिकाओं की परत और अन्य प्रोटीन शामिल हैं।देर से होने वाले स्ट्रोक में जोखिम कम
शोध में यह भी सामने आया कि 60 साल की उम्र के बाद होने वाले स्ट्रोक के मामलों में A रक्त समूह का प्रभाव कम हो जाता है। यह भी पढ़ें : High cholesterol winter symptoms : हाई कोलेस्ट्रॉल के 8 चौंकाने वाले लक्षण, जो सर्दियों में और बढ़ सकते हैं
क्या करें अगर आपका रक्त समूह A है?
विशेषज्ञों के अनुसार, रक्त समूह A वाले लोगों को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, उन्हें नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए और स्ट्रोक से जुड़े अन्य जोखिम कारकों जैसे उच्च रक्तचाप (Hypertension), मधुमेह (Diabetes), और कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि रक्त समूह A वाले लोगों में स्ट्रोक का जोखिम थोड़ा अधिक है, लेकिन यह कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है। संतुलित जीवनशैली, स्वस्थ आहार और समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श लेकर इस जोखिम को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।