ब्लैक या अल्कलाइन वॉटर पानी ही होता है। मिनरल्स के नैचुरल रंग के कारण है जो कि इसे चारकोल रंग नजर आता है। बस इसमें ज्यादा मिनरल होते हैं। खाने या पीने की चीज का पीएच स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि वो कितना अल्कलाइन या एसिडिक है। नार्मल वाटर में पीएच लेवल 6 से 7 के बीच होता है वहीं, अल्कालाइन वॉटर का पीएच हमेशा 8 के ऊपर होता है।
ब्लैक वॉटर भले ही देखने में काला लगे, लेकिन उसका स्वाद पानी जैसा ही होता है। इसमें मौजूद पीएच वैल्यू शरीर में एसिडिटी को बैलेंस करने में बहुत कारगर है। साथ ही इसे एनर्जी ड्रिंक या फिटनेस ड्रिंक की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकी इसे पीने से एनर्जी बढ़ जाती है।
अल्कालाइन वॉटर का पीएच पीएच 8+ होता है। अल्कालाइन वॉटर में करीब 70 से ज्यादा नैचुरल मिनरल होते हैं। इसे भी पढ़ें–
अच्छी चीज भी अगर ज्यादा मात्रा में ली जाए तो वह नुकसानदायक हो सकती है। उसी तरह ज्यादा ब्लैक वाटर पीना भी नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा अल्कालाइन वॉटर पीने से हाथ या पैर में झुनझुनी की शिकायत हो सकती है, कुछ लोगों को उल्टी भी आ सकती है। कई बार स्किन पर जलन या पेट से जुड़ी शिकायत भी हो सकती है।