स्वास्थ्य

Heart attack के बाद बीटा-ब्लॉकर्स से बढ़ सकता है Depression, चेतावनी जारी

Depression risk after heart attack : हाल ही में हुए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने के बाद दी जाने वाली दवा ‘Beta-Blockers’ उन मरीजों में डिप्रेशन का कारण बन सकती है, जिनका हार्ट फेल नहीं हुआ होता।

जयपुरNov 12, 2024 / 02:26 pm

Manoj Kumar

Beta-blockers may increase depression after heart attack, warning issued

Depression risk after heart attack : हाल ही में हुए एक शोध से यह खुलासा हुआ है कि दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने के बाद दी जाने वाली दवा ‘Beta-Blockers’ उन मरीजों में डिप्रेशन का कारण बन सकती है, जिनका दिल सामान्य रूप से काम कर रहा होता है, यानी जिनका हार्ट फेल नहीं हुआ होता।

बीटा-ब्लॉकर्स का कार्य और उपयोग Function and Uses of Beta-Blockers

Beta-Blockers एक प्रकार की दवा होती है, जो दिल पर एड्रेनालाईन (adrenaline) के प्रभाव को रोकती है, जिससे दिल की धड़कन धीमी होती है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। ये दवाएं दशकों से दिल के दौरे (Heart attack) से उबरने वाले रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जाती रही हैं। विशेष रूप से उन मरीजों को दी जाती हैं, जिनका दिल सही तरीके से पंपिंग कर रहा होता है और हार्ट फेल नहीं हुआ होता।

स्वीडन के शोध से नया खुलासा

स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया कि Beta-Blockers का दिल के दौरे (Heart attack) के बाद जीवन में कोई खास फायदा नहीं है। इसके अलावा, इस दवा का सेवन करने से मरीजों में अवसाद (Depression) का खतरा भी बढ़ सकता है। कार्डियक साइकोलॉजी में डॉक्टरेट के छात्र फिलिप लिस्नर ने बताया, “हमने पाया कि Beta-Blockers ने दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने के बाद भी हार्ट फेल न होने वाले मरीजों में अवसाद के लक्षणों को बढ़ा दिया।”

बीटा-ब्लॉकर्स और मानसिक स्वास्थ्य

हाल के वर्षों में हुए कुछ शोधों ने यह दर्शाया है कि Beta-Blockers मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। इन दवाओं के दुष्प्रभावों में नींद में खलल, बुरे सपने आना और चिंता जैसी समस्याएं शामिल हैं। यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के परिणाम भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि Beta-Blockers से मानसिक समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।

नए शोध के परिणाम और सिफारिशें

लिस्नर की टीम ने 2018 से 2023 तक दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने वाले 806 मरीजों पर एक अध्ययन किया, जिनमें हार्ट फेल जैसी कोई समस्या नहीं थी। इस अध्ययन में पाया गया कि लगभग 100 मरीज पहले से ही बीटा-ब्लॉकर्स का सेवन कर रहे थे, और इन मरीजों में अवसाद के लक्षण अधिक गंभीर थे। इसके आधार पर, लिस्नर ने डॉक्टरों से आग्रह किया है कि वे बिना हार्ट फेल वाले रोगियों को बीटा-ब्लॉकर्स देने पर पुनर्विचार करें।
इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि Beta-Blockers दिल के दौरे (Heart attack) से उबरने वाले कुछ मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। हालांकि इन दवाओं के फायदे और नुकसान पर और अधिक शोध की आवश्यकता है, फिर भी डॉक्टरों को अपने मरीजों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपचार की योजना बनानी चाहिए।

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