सोनाली (बदला हुआ नाम) एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए राजस्थान से बेंगलुरु गई थी। इसी दौरान उन्हें अचानक तेज ठंड लगने लगी और कुछ ही समय में हालत बहुत खराब हो गई।
सोनाली की असामान्य स्थिति और उसका गंभीर उपचार
स्थानीय अस्पताल में महिला को शुरुआती उपचार में 20 से 25 यूनिट ब्लड प्रोडक्ट्स चढ़ाए गए। उन्हें फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां होने लगीं और रक्तस्राव के कारण सूजन हो गया। जिसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) की आवश्यकता हो सकती है।लिवर ट्रांसप्लांट की संभावना और डॉक्टरों की चिंता Woman Survives Life-Threatening Liver Failure
एस्टर आर.वी. अस्पताल के हेपेटोलॉजी एवं इंटीग्रेटेड लिवर केयर के डॉ. गंजू ने कहा, ” उनकी हालत को देखते हुए उन्हें एस्टर आर.वी. अस्पताल में लिवर टीम के पास भेजा गया। जब सोनाली को भर्ती कराया गया, तो वह लगभग बेहोश थीं और उनके कई अंग प्रभावित थे। पहले 48 से 72 घंटे बहुत महत्वपूर्ण थे।” टीम ने उन पर गंभीरता से ध्यान दिया और उन्हें ‘लिवर रीजेनरेटिव थेरेपी’ के साथ अन्य उपचार भी दिए।
‘लिवर रीजेनरेटिव थेरेपी’ ने किया चमत्कार ‘Liver Regenerative Therapy’ did wonders
डॉ. गंजू की टीम ने सोनाली को ‘लिवर रीजेनरेटिव थेरेपी’ और अन्य आवश्यक उपचार दिए। इस थेरेपी के बाद 48 से 72 घंटे के भीतर सोनाली को होश आ गया, जो उनके ठीक होने का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। मेडिकल टीम ने उसकी पोषण संबंधी जरूरतों पर पूरा ध्यान दिया, लिवर डिटॉक्सिफिकेशन और मेटाबॉलिक फंक्शन को सपोर्ट करने के लिए नाक की नली के जरिए जरूरी विटामिन और मिनरल दिए गए। आईसीयू में छह दिन रहने के बाद, उन्हें ठीक होने के लिए वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
लिवर टीम के सदस्य डॉ. रोमिल ने कहा, “सोनाली का मामला बेहद गंभीर था और उनका ठीक होना किसी चमत्कार से कम नहीं था।” सोनाली ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं उन डॉक्टरों और कर्मचारियों की बहुत आभारी हूं जिन्होंने मेरी जान बचाई और मुझे मेरे बच्चे से फिर से मिलाया।”