विटामिन C को लेकर एक्सपर्ट्स की राय Experts’ opinion on Vitamin C
खट्टे फलों को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनमें विटामिन C अच्छी मात्रा में पाया जाता है। सिट्रस फ्रूट्स में नेचुरल विटामिन C होता है, जो शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। विटामिन C को इम्यून बूस्टर भी कहा जाता है। विटामिन C कई सब्जियों में होता है। विटामिन C की कमी से हमें शरीर में इंफेक्शन का खतरा होने का डर रहता है। विटामिन C की कमी को दूर करने के लिए हमें भरपूर मात्रा में खट्टे फलों का सेवन करना चाहिए।विटामिन C के स्रोत Sources of Vitamin C
संतरा संतरे को विटामिन C के लिए अच्छा स्रोत माना जाता है। एक संतरे में लगभग 70 मिलीग्राम विटामिन C होता है। संतरे का जूस भी विटामिन सी से भरपूर होता है और इसका सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। संतरा में फाइबर होता है, जो पेट की सेहत दुरुस्त कर सकता है। कीवी इम्यून सिस्टम कम होने पर मरीज को कीवी खाने के लिए कहा जाता है। कीवी में अच्छी मात्रा में विटामिन C होता है। एक कीवी में लगभग 92 मिलीग्राम विटामिन C होता है, जो कि लगभग 100% दैनिक जरूरत को पूरा करता है। कीवी में फाइबर, पोटेशियम और विटामिन K भी होते हैं, जिससे सेहत को गजब के फायदे मिलते हैं।
स्ट्रॉबेरी स्ट्रॉबेरी भी विटामिन C का अच्छा स्रोत माना जाता है। एक कप स्ट्रॉबेरी में लगभग 89 मिलीग्राम विटामिन C होता है। स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। स्ट्रॉबेरी स्वाद से साथ सेहत का खजाना मानी जा सकती है।
पपीता पपीता हमारी पाचन शक्ति के साथ साथ इम्यून सिस्टम के लिए भी एक स्रोत माना जाता है। एक कप पपीते में लगभग 88 मिलीग्राम विटामिन C होता है। पपीते में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं।
अमरूद अमरूद भी विटामिन सी का बेहतरीन सोर्स है। एक अमरूद में लगभग 228 मिलीग्राम विटामिन C होता है, जो दैनिक जरूरत का कई गुना अधिक है। इसके अलावा अमरूद में फाइबर, पोटेशियम और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन्स भी होते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।