केले खाने के फायदे Benefits of eating bananas
पाचन तंदुरुस्त (Digestive fitness) केले (Benefits of eating bananas) में मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है। इस फाइबर के कारण पाचन सही रहता है केला प्रोबायोटिक्स से भी भरपूर होता है, जो हमारी गट हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। केला खाने से ब्लोटिंग की समस्या भी कम होती है इसी के साथ पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है। दिल को हेल्दी रखने में (To keep the heart healthy) यह भी पढ़े : इन लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करें एथलीट्स और बॉडीबिल्डर्स, नहीं तो हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर की हो सकती है समस्या
केले में पोटेशियम मौजूद होता है जिससे हमारा ब्लड प्रेशर कंट्रोल सही से बना रहता है। इससे फाइबर कोलेस्ट्रॉल कम करने में मिलती है। यदि हमारा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है तो इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम जाता है। इसलिए रोजाना केला खाने से दिल की बीमारी होने का जोखिम कम होता है।
एनर्जी बूस्ट का काम (Energy boost work) केला शरीर में तेजी से पच जाता है और इसमें कैलोरी की मात्रा भी अधिक होती है जिससे हमें तुरंत एनर्जी मिलती है। इसमें नचुरल शुगर होने के कारण हमें एनर्जी तुरंत मिल जाती है। इसलिए लेाग एक्सरसाइज करने से पहले या सुबह नाश्ते में केला (Benefits of eating bananas) खाते है जिससे तुरंत ऊर्जा मिलती है, और मूड भी बेहतर रहता है।
ब्लड शुगर को कंट्रोल (Control blood sugar) यह भी पढ़े : 50 साल से जारी शोध समाप्त, वैज्ञानिकों ने नए ब्लड ग्रुप की खोज की केले (Benefits of eating bananas) में मौजूद शुगर नुचरल होने के कारण यह हमें हानि नहीं पहंचाता है जिससे हमारा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। केला लो ग्लाइसिमिक इंडेक्स का होने के कारण इसे खाने से शुगर हमारे ब्लड में धीरे धीरे रिजीज होता है। केले में मौजूद फाइबर भी ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक है।
बेहतर मूड और स्वास्थ (improved mood and health) यदि हम मूड खराब होने पर या कम एनर्जी होने पर केले का सेवन करते हैं तो इससे हमारा मूड तुरंत सही हो जाता है और एनर्जी महसूस करने लगते हैं। केले में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है, जो सेरोटोनिन रिलीज करने में मदद करता है। इसलिए केला खाने के बाद आपका खराब मूड भी अच्छा हो जाता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।