अस्थमा लिए आयुर्वेदिक टिप्स : Ayurvedic Tips for Asthma
अस्थमा में तुलसी का सेवन : Tulsi consumption in asthma
कफ की समस्या में होने पर तुलसी फायदेमंद होती है। इसके में कई गुण मौजूद होते हैं। यदि आप तुलसी का सेवन करते हैं तो इससे रेस्पिरेटरी ट्रैक में जमा कफ को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही इसका सेवन सांस की नली के सूजन को भी कम करता है। इसके लिए आपको 5-10 तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबालना है और जब हल्का गुनगुना हो जाए इसमें शहद मिलाकर पी लेना चाहिए। यदि आप दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करते हैं तो इससे खांसी में सुधार होता है और गले में जमा कफ दूर हो जाता है।
अस्थमा में मुलेठी का सेवन : Consumption of liquorice in asthma
आयुर्वेद का मानना है कि मुलेठी कफ की लिए एक सर्वोतम औषधि होती जो कफ को गले में रोकन से रोकती है। मुलेठी में ऐसे गुण होते है जो कफ को शांत करने में फायदेमंद होते हैं। इसलिए मुलेठी अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यदि आप मुलेठी के चूर्ण को शहद या गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पीना शुरू करते हैं तो इससे फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं में फायदा मिलता है।
अस्थमा में अदरक का सेवन : Use of ginger in asthma
अदरक का प्रयोग प्रायः हर घर में किया जाता है। कुछ लोग इसे चाय में डालते हैं, जबकि अन्य सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अदरक कफ को कम करने में अत्यंत प्रभावी है और अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। यह श्वासनली को खोलने में सहायता करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। अदरक की चाय फेफड़ों की समस्याओं में राहत प्रदान करती है। अस्थमा के लक्षणों से निजात पाने के लिए ताजा अदरक का रस निकालकर पीना फायदेमंद है। अदरक के रस में शहद मिलाकर पीने से इसका प्रभाव जल्दी होता है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।