अध्ययन का उद्देश्य और पद्धति
अध्ययन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि सामाजिक और आर्थिक कारक ऑटिस्टिक और गैर-ऑटिस्टिक बच्चों (Autistic Children) में एडीएचडी के लक्षणों (Symptoms of ADHD) को कैसे प्रभावित करते हैं। इस शोध में दो दीर्घकालिक अध्ययनों से 246 बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया। चाइल्ड अपॉर्च्युनिटी इंडेक्स का उपयोग करके नेबरहुड फैक्टर को मापा गया, जिसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति और शिक्षा तक पहुंच शामिल हैं।
गरीब इलाकों में ऑटिस्टिक बच्चों के लिए बढ़ता जोखिम Rising ADHD Risks in Poor Areas
अध्ययन में पाया गया कि गरीब इलाकों में जन्मे ऑटिस्टिक बच्चों में एडीएचडी के लक्षण (Symptoms of ADHD) सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक होते हैं। विशेष रूप से, इन बच्चों में असावधानी, अति सक्रियता और आवेगपूर्ण व्यवहार की समस्याएँ अधिक गंभीर रूप में देखी गई हैं। यह प्रभाव अन्य विकासात्मक विकलांगताओं वाले बच्चों या सामान्य बच्चों में नहीं पाया गया।
शोध के मुख्य निष्कर्ष
इस शोध के अनुसार, जन्म के समय बाल अवसर सूचकांक का कम स्कोर किशोरावस्था में एडीएचडी लक्षणों की वृद्धि का एक मजबूत संकेतक था। इसके विपरीत, गैर-ऑटिस्टिक बच्चों में ऐसा कोई प्रभाव नहीं देखा गया। यह संकेत करता है कि संसाधन विहीन इलाकों में रहने वाले ऑटिस्टिक बच्चों को एडीएचडी से संबंधित समस्याओं का सामना अधिक गंभीरता से करना पड़ता है।
सार्वजनिक नीति में सुधार की आवश्यकता
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक नीति में बदलाव की सिफारिश की है। कैटरीना कैलब, अध्ययन की प्रमुख लेखिका, ने कहा, “ये परिणाम चिंताजनक हैं। कम आय वाले क्षेत्रों में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को अधिक संसाधनों की आवश्यकता है।”
आगे की दिशा
शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र में और अधिक बड़े और विविध अध्ययनों की आवश्यकता पर बल दिया है। इसके साथ ही, नेबरहुड फैक्टर के प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी हस्तक्षेपों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है। यह अध्ययन स्वास्थ्य समानता को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके परिणाम भविष्य में वंचित क्षेत्रों में ऑटिस्टिक बच्चों के लिए आवश्यक संसाधनों और समर्थन को सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकते हैं।