इसके अलावा ठंडे पानी से स्नान करने से आपके इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो अर्थराइटिस के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में आप अगर आप फिर भी इस आयोजन में भाग ले रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्नान करते समय सावधानी बरतें और अपने जोड़ों और मांसपेशियों पर दबाव न डालें। स्नान के बाद आराम करें और अपने जोड़ों और मांसपेशियों को आराम दें।
ठंडे पानी में स्नान से अर्थराइटिस मरीजों को होने वाले खतरे : Arthritis Patients Cold Water Challenges
जोड़ों में खून का संचार धीमा हो सकता है
सर्दियों के मौसम में नदी का पानी बेहद ठंडा होता है। डॉक्टरों के अनुसार, ठंडा पानी शरीर का तापमान अचानक गिरा सकता है, जिससे जोड़ों में खून का संचार धीमा हो जाता है। इसका नतीजा जोड़ों में दर्द और सूजन के रूप में सामने आता है। खासकर रूमेटॉयड अर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को इस समस्या का अधिक सामना करना पड़ सकता है।जोड़ों और मांसपेशियों की कठोरता
ठंडे पानी में स्नान करने से मांसपेशियों और जोड़ों में कठोरता आ सकती है। यह समस्या सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए ज्यादा गंभीर हो जाती है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द और चलने-फिरने में परेशानी का खतरा बढ़ जाता है।इंफेक्शन का बढ़ता खतरा
अर्थराइटिस कई बार बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण भी होता है। ठंडे पानी में बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में ठंडे पानी के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है, जिससे अर्थराइटिस की समस्या गंभीर हो सकती है।थकान और कमजोरी
अर्थराइटिस मरीजों की हड्डियां पहले से कमजोर होती हैं। ठंडे पानी में स्नान करने से ठंडा माहौल उनके शरीर को और थका देता है। कुम्भ जैसे बड़े आयोजन में, जहां लंबी दूरी तक पैदल चलना पड़ता है, वहां थकान और कमजोरी की समस्या और अधिक बढ़ सकती है।चोट लगने का खतरा
ठंडे पानी या फिसलन भरे माहौल में चोट लगने का खतरा हर किसी को हो सकता है, लेकिन अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए यह खतरा अधिक होता है। छोटी-सी चोट भी उनकी समस्या को बड़ा बना सकती है।कुम्भ स्नान के दौरान अर्थराइटिस पेशेंट के लिए 5 जरूरी सुझाव
डॉक्टर से सलाह जरूर लें
कुम्भ में जाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें। उनकी सलाह के अनुसार ही स्नान का निर्णय लें। साथ ही अपनी दवाइयां हमेशा अपने पास रखें और नियमित रूप से उन्हें लेते रहें।स्नान से पहले शरीर को गर्म करें
स्नान से पहले हल्के गुनगुने पानी से शरीर को धो लें या थोड़ी देर हल्की एक्सरसाइज करें। यह मांसपेशियों और जोड़ों में लचीलापन लाने में मदद करेगा और ठंडे पानी के प्रभाव को कम करेगा।नहाने के तुरंत बाद गर्म कपड़े पहनें
स्नान के बाद जितना जल्दी हो सके गर्म कपड़े पहन लें। यह शरीर की गर्मी बनाए रखने में मदद करेगा और ठंडे पानी के असर से बचाएगा।गर्म सिंकाई और मालिश करें
स्नान के बाद अगर जोड़ों में दर्द महसूस हो, तो गर्म पानी की बोतल से सिंकाई करें या गर्म तेल की मालिश करें। इससे दर्द और सूजन में राहत मिलेगी।हल्की स्ट्रेचिंग जरूर करें
स्नान से पहले और बाद में हल्का व्यायाम और स्ट्रेचिंग करें। इससे मांसपेशियों और जोड़ों की कठोरता कम होगी और लचीलापन बना रहेगा।Cold water bathing effects on arthritis : अर्थराइटिस पेशेंट्स के लिए ठंडे पानी में स्नान करना जोखिम भरा हो सकता है, खासकर कुम्भ जैसे आयोजन के दौरान। लेकिन डॉक्टर की सलाह, सही तैयारी और सावधानियों के साथ, आप इस धार्मिक अवसर का हिस्सा बन सकते हैं। ध्यान रखें कि स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए अपनी स्थिति को समझते हुए ही कोई कदम उठाएं।