आयुर्वेद में गिलोय एक महत्वपूर्ण जड़ी मानी जाती है। गिलोय के जूस में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसका नियमित इस्तेमाल आपको कई तरह की बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। तो चलिए आपको आज गिलोय जूस के फायदों के बारे में बताएं।
giloy juice benefits- गिलोय जूस के फायदे इम्यूनिटी बढ़ाने वाला
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार होती है और ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मददगार होता है। ब्लड को साफ कर प्लेट्लेटस् को बढ़ाता है।
गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरमार होती है और ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मददगार होता है। ब्लड को साफ कर प्लेट्लेटस् को बढ़ाता है।
डाइजेशन के लिए अच्छा
पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच आदि में गिलोय बहुत काम आता है। ये डाइजेस्टिव सिस्टम को सही तरीके से संचालित करता है और भोजन के डाइजेस्ट करने की प्रक्रिया में मदद करता है।
पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच आदि में गिलोय बहुत काम आता है। ये डाइजेस्टिव सिस्टम को सही तरीके से संचालित करता है और भोजन के डाइजेस्ट करने की प्रक्रिया में मदद करता है।
बुखार में फायदेमंद
बार-बार बुखार की समस्या हो तो गिलोय का जूस काम आएगा। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करता है। एंटीपायरेटिक गुण के कारण इसका इस्तेमाल बुखार का प्रबंधन करने के लिए किया जा सकता है। यह प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाता है और डेंगू बुखार में मदद कर सकता है।
बार-बार बुखार की समस्या हो तो गिलोय का जूस काम आएगा। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करता है। एंटीपायरेटिक गुण के कारण इसका इस्तेमाल बुखार का प्रबंधन करने के लिए किया जा सकता है। यह प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाता है और डेंगू बुखार में मदद कर सकता है।
डायबिटीज में फायदेमंद
गिलोय जूस में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होता है जो शुगर को ब्लड में कम करता है। टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहद फायदेमंद होता है। अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद
अर्थराइटिस में न सिर्फ जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि अकड़न के कारण चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं जो अर्थराइटिस के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
गिलोय जूस में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होता है जो शुगर को ब्लड में कम करता है। टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बेहद फायदेमंद होता है। अर्थराइटिस के लिए फायदेमंद
अर्थराइटिस में न सिर्फ जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि अकड़न के कारण चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-आर्थ्रिटिक गुण होते हैं जो अर्थराइटिस के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
एनीमिया दूर करें
एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है, लेकिन कैंसर, ऑटोइम्यून रोग, संक्रमण और क्रोनिक किडनी रोगों के कारण भी एनीमिया हो सकता है। यह सूजन के एनीमिया के रूप में जाना जाता है। एनिमिया से होने वाली थकान और कमजोरी में गिलोय जूस के सेवन काम आता है और ये शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।
एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है, लेकिन कैंसर, ऑटोइम्यून रोग, संक्रमण और क्रोनिक किडनी रोगों के कारण भी एनीमिया हो सकता है। यह सूजन के एनीमिया के रूप में जाना जाता है। एनिमिया से होने वाली थकान और कमजोरी में गिलोय जूस के सेवन काम आता है और ये शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।
स्ट्रेस करता है कम
तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय के रस का सेवन चिंता, तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है, गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुणों की उपस्थिति नसों को शांत करने में मदद करती है और तनाव से राहत देने वाले हार्मोन को बढ़ावा देती है।
तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय के रस का सेवन चिंता, तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है, गिलोय में एडाप्टोजेनिक गुणों की उपस्थिति नसों को शांत करने में मदद करती है और तनाव से राहत देने वाले हार्मोन को बढ़ावा देती है।
अस्थमा में फायदेमंद
अस्थमा से परेशान महिलाओं को अपनी डाइट में गिलोय के जूस को शामिल करना चाहिए। अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। अस्थमा, खांसी और नाक की एलर्जी जैसे कफ संबंधित विकारों के लिए गिलोय का जूस बहुत अच्छा होता है।
अस्थमा से परेशान महिलाओं को अपनी डाइट में गिलोय के जूस को शामिल करना चाहिए। अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है जो वायुमार्ग में सूजन के कारण होती है। अस्थमा, खांसी और नाक की एलर्जी जैसे कफ संबंधित विकारों के लिए गिलोय का जूस बहुत अच्छा होता है।
वेट लॉस में मददगार
गिलोय का जूस शरीर के मेटाबॉलिजम को ठीक करता है। इसे लेने से सूजन कम होती है और डाइजेशन सही रहता है। ऐसा होने से पेट के आस-पास जमा चर्बी कम होती है। इसमें मौजूद एडाप्टोजेनिक पदार्थ शरीर की क्षमता को बढ़ावा देता है। यह तनाव के प्रभावों को कंट्रोल करके और बार-बार खाने की आदत को रोककर वजन घटाने में मदद करता है।
गिलोय का जूस शरीर के मेटाबॉलिजम को ठीक करता है। इसे लेने से सूजन कम होती है और डाइजेशन सही रहता है। ऐसा होने से पेट के आस-पास जमा चर्बी कम होती है। इसमें मौजूद एडाप्टोजेनिक पदार्थ शरीर की क्षमता को बढ़ावा देता है। यह तनाव के प्रभावों को कंट्रोल करके और बार-बार खाने की आदत को रोककर वजन घटाने में मदद करता है।
गिलोय जूस बनाने का तरीका
गिलोय के कुछ डंडियों लें और उन्हें एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी कम मात्रा में न रह जाए। पानी को छान लें और रोजाना इसका सेवन करें। यह आपके ब्लड को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को हटाने और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा। गिलोय को सुबह खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद हाेता है, लेकिन बीमारियों में इसे किसी भी समय लिया जा सकता है।
गिलोय के कुछ डंडियों लें और उन्हें एक गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी कम मात्रा में न रह जाए। पानी को छान लें और रोजाना इसका सेवन करें। यह आपके ब्लड को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को हटाने और रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा। गिलोय को सुबह खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद हाेता है, लेकिन बीमारियों में इसे किसी भी समय लिया जा सकता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।