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नेशनल मेडिकल कमीशन ने कई बिंदुओं को लेकर पत्र भेजा है । जिसमें मुख्य बिंदु यह है कि मेडिकल कॉलेज के डीन और प्रिंसिपल जो पद के लिए योग्य नहीं थे। उन्हें पोस्ट दे दी गई। इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में कुलपति ने यह गलती कैसे की? वही ब्लड बैंक का लाइसेंस मार्च 2022 में एक्सपायर हो चुका है। लेकिन मेडिकल प्रशासन रिन्यू नहीं करवा पाया है. ब्लड बैंक बदस्तूर चल रहा है. मेडिकल कॉलेज में 15 आईसीयू बेड होने चाहिए। लेकिन अभी तक केवल 10 आईसीयू बेड है. सामाजिक कार्यकर्ता राजा भैया ने कहां है कि मेडिकल कॉलेज में केवल उन्हीं को जिम्मेदारी दी गई है जो एएमयू कुलपति तारिक मंसूर के नजदीकी है।
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वहीं सामाजिक कार्यकर्ता राजा भैया ने आरोप लगाए है कि दवाओं के नाम पर मेडिकल कॉलेज में लूट खसोट होती है। जांचों के नाम पर लूट होती है। ग्रामीण क्षेत्र का मरीज जब यहाँ आता है तो मेडिकल में परेशान हो जाता है। राजा भैया ने बताया कि शिकायत करने के बाद यह कार्यवाही हो रही है।