– डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा के नाम को दुकान पर मिलने वाली दवा के नाम से मिलाएं।
– दवा के लेबल पर छपाई की गलतियों, पैकेजिंग में गड़बड़ी या किसी भी असामान्य चीज का ध्यान रखें।
– कोशिश करें पूरी पट्टी वाली दवा ही खरीदें, क्योंकि उस पर सारी जरूरी जानकारी होती है।
– दवा की एक्सपायरी डेट और बैच नंबर को ध्यान से देखें।
– जितना हो सके किसी जानी-मानी मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें।
– ऑनलाइन दवा खरीदते समय सावधानी
– ऑनलाइन दवा खरीदते समय वेबसाइट की विश्वसनीयता जरूर जांच लें।
– स्पैम ईमेल, पैकेजिंग पर खराब ग्रामर, बिना पते वाली वेबसाइट और बहुत कम दाम वाली दवाओं से बचें।
– दवा कंपनियां भी कर रहीं हैं कोशिशें
– कई बड़ी दवा कंपनियां दवाओं के पैकेज पर क्यूआर कोड दे रही हैं। इससे दवा असली है या नकली, यह पता लगाने में आसानी होती है।
अगर आपको कभी ऐसा लगता है कि आपको नकली दवा (Fake medicines) मिल गई है, तो आप उसकी जांच करवा सकते हैं। इसके लिए आप अपने इलाके के ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) से संपर्क कर सकते हैं।
कई बार दवा तो असली होती है, लेकिन गलती से कोई और दवा दे दी जाती है। इससे भी परेशानी हो सकती है। इसलिए डॉक्टर के पर्चे पर दवा के नाम और उसकी मात्रा को ध्यान से देखें।
कई बार गलत दवा ले लेना भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए दवा खरीदते समय पर्चे पर लिखी दवा को ध्यान से देखें और फार्मसिस्ट से भी दवा के बारे में पूछें. अगर फार्मिस्ट कोई दूसरी दवा देता है, तो यह जरूर पूछें कि यह वही दवा है जो डॉक्टर ने लिखी है या नहीं.
ऑनलाइन फार्मेसी से सावधान रहें: ऑनलाइन दवा खरीदना सुविधाजनक जरूर है, लेकिन नकली दवाओं का खतरा भी रहता है. इसलिए ऑनलाइन दवा खरीदते समय वेबसाइट की विश्वसनीयता जरूर जांच लें. अगर वेबसाइट पर कोई फिजिकल पता नहीं दिया है या दाम बहुत कम हैं, तो ऐसी साइट से दवा न खरीदें.