स्वाइन फ्लू का एक नया मरीज मिला, अब तक तीन मिल चुके, वहीं डायरिया के मरीजों की संख्या 2100 से अधिक
बालोद जिले में जगह-जगह गंदगी व जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण बीमार मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में लगातार डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। कई गांवों में डायरिया फैल चुका है।
Health Department Alert : बालोद जिले में जगह-जगह गंदगी व जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण बीमार मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले में लगातार डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। कई गांवों में डायरिया फैल चुका है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिले में डायरिया मरीजों की संख्या 2100 से अधिक हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग की कलेक्टर ने ली बैठक
शुक्रवार को कलेक्टर इंद्रजीत चंद्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए समुचित उपाय करने के निर्देश दिए। डायरिया व डेंगू के कहर के बाद स्वाइन फ्लू के मरीज मिलने से अब स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। वहीं पूरे जिले में डेंगू, डायरिया, स्वाइनफ्लू व मलेरिया मरीजों को देखें तो सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र डौंडी ब्लॉक है, जहां दल्लीराजहरा सबसे ज्यादा प्रभावित है।
स्वाइन फ्लू के एक और मरीज की पुष्टि तीन पहुंची संख्या
डेंगू व डायरिया के बाद अब जिले में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। एक जानकारी के मुताबिक जिले में अब स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या तीन हो गई है। जिला मुख्यालय के रेलवे कॉलोनी निवासी, जो विगत कुछ साल से भिलाई में रह रहे थे। उसकी रिपोर्ट स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आई है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया है। इस तरह अब जिले में स्वाइन फ्लू के तीन मरीज हो गए हैं। हालांकि इन तीनों मामले में मरीज जिले में रहकर स्वाइन फ्लू के शिकार नहीं हुए हैं बल्कि ये भिलाई और रायपुर जाकर संक्रमित हुए हैं।
क्या है स्वाइन फ्लू
डॉक्टरों के अनुसार एच 1 एन 1 टाइप ए इंफ्लुएंजा एक वायरल इंफेक्शन है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला था। अब यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, डायरिया, खांसी, छींक आना, गले में खराश, थकान नासिका मार्ग ब्लॉक होना सहित रेगुलर फ्लू की तरह, स्वाइन फ्लू गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे निमोनिया (लंग डिसऑर्डर) और सांस लेने से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस अगस्त माह में जिले भर में 350 से ज्यादा डायरिया के मरीज सामने आ चुके हैं। प्रतिदिन निजी अस्पतालों और जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ पहुंच रही है। स्वास्थ्य विभाग के उपचार को लेकर किए जा रहे दावे भी खोखले नजर आ रहे हैं। डायरिया के हर रोज 10 से 15 मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।
जहां ज्यादा गंदगी व पानी भराव वाला क्षेत्र वहां करें छिड़काव
बालोद जिला मुख्यालय में भी कुछ ऐसी कॉलोनियां व वार्ड हैं, जहां पानी भरा रहता है। पानी निकासी के साधन नहीं हैं। ऐसे में काफी लम्बे समय तक अगर पानी भरा हुआ है तो उस क्षेत्र में रहने वाले लोग डेंगू और मलेरिया से पीडि़त हो सकते हैं। ऐसे में वहां दवा का छिड़काव किया जाना बेहद जरूरी है।
कूलरों में जमा पानी निकाल रहे
गर्मी के दिनों में लोगों ने कूलर में पानी डालकर ठंडी हवा का आनंद लिया लेकिन लंबे समय तक पानी जमा होने से भी उसमें डेंगू का लार्वा पनप सकता है। ऐसे में कूलरों से भी पानी हटाने का कार्य जारी है।
कुसुमकसा में नहीं सुधर रही स्थिति, लगातार सामने आ रहे मरीज
जिले के कुसुमकसा गांव इन दिनों डायरिया की चपेट में है। यहां 80 से ज्यादा मरीज डायरिया के मिल चुके हैं लेकिन आज भी इस गांव में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। गंदे पानी के सेवन के कारण यहां लोग बीमार पड़ रहे हैं जबकि इस गांव में स्वास्थ्य विभाग व पंचायत प्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इलाज किया जा रहा
सीएमएचओ डॉ. एमके सूर्यवंशी ने बताया कि जिले में डेंगू व डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। लगातार प्रभावित क्षेत्र में कैम्प लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है। रही बात स्वाइन फ्लू की तो अभी तक जितने मरीज मिले हैं, वह दुर्ग, भिलाई और रायपुर में मिले हैं। वे लोग बीते कुछ समय से यहां नहीं रह रहे थे। फिलहाल अब जिले में हैं। स्वाइन फ्लू के सेंपलों की जांच की तैयारी की जा रही है।
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