जैसा कि हम सब जानते हैं कि रंग-गुलाल का जिक्र आते ही हाथरस का नाम अपने आप जहन में आ जाता है। यहां की कई नामी कंपनियां पूरे देश में रंग-गुलाल की सप्लाई करती हैं। यहां पर स्टार्च के बेस से गुलाल तैयार किया जाता है और इस प्राकृतिक गुलाल में रंग फूल पत्तियों और फूड प्रोडक्ट से लिए जाते हैं।
अयोध्या के जश्न में शामिल हुआ हाथरस राममंदिर निर्माण और रामलला की स्थापना को लेकर अयोध्या में उत्साह चरम पर है। अयोध्या ही नहीं पूरा देश राममय हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या में हाथरस के मशहूर केसरिया गुलाल की महक भी शामिल होगी। सबसे खास बात यह है कि केसरिया रंग के गुलाल की मांग सबसे ज्यादा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक करीब 20 टन गुलाल यहां से भेजा भी जा चुका है।
कैसे तैयार होता है गुलाल? हाथरस में रंग-गुलाल की फैक्ट्रियों में करीब चार से पांच हजार श्रमिक काम करते हैं। आपको बता दें कि स्टार्च के बेस से गुलाल तैयार किया जाता है और इसके बाद इसके रंग फूल, पत्तियों और फूड प्रोडक्ट से तैयार जाते हैं। जैसे कि चुकंदर से लाल, पालक से हरा, हल्दी से पीला, टेसू के फूल से नारंगी रंग लिया जाता है। इन्हीं कारणों से यह गुलाल सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता।
अयोध्या से मिले इस बड़े खेप केक आर्डर के लिए हाथरस की फैक्ट्रियों में गुलाब की तैयारी अंतिम रूप में है। फैक्ट्रियों में तैयार माल अब सुखाया जा रहा है। एक रंग कारोबारी की मानें तो पहले फरवरी की शुरुआत में गुलाल की मांग आती थी, लेकिन अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर आर्डर मिल रहे हैं। पूजन किट की भी मांग है।