अलीगढ़ हो चुका है ट्रांसफर सिंचाई विभाग में यू तो घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मामले कोई नए नहीं हैं, लेकिन ताजे मामले में भी कहीं ना कहीं गड़बड़ झाला नजर आ रहा है। यहां के एक बाबू का दो वर्ष पूर्व शाशन के आदेश पर अलीगढ़ ट्रांसफर हुआ था, लेकिन विभागीय मिली भगत से दो वर्ष तक वह हाथरस से कार्यमुक्त नहीं हुआ। जब मामला शाशन के संज्ञान में आया तो अधिकारियों ने आनन फानन में बाबू को पिछले माह कार्यमुक्त तो कर दिया पर कार्यमुक्त होने के बाद भी अधिकारियों की मिलीभगत से कार्य कर रहा है।
अधकारियों ने साधी चुप्पी गुरुवार देर रात कार्यालय खोल कर फाइलों से छेड़छाड़ कर रहा था। मीडियाकर्मियों के द्वारा देर रात में कार्य करने का कारण पूछने पर बाबू दयाशंकर पहले तो गोलमोल जवाब देता रहा और फिर अभद्रता पर उतर आया। मामला सारा कुछ अधिकारियों की नजर में है उसके बावजूद भी अधिशासी अभियंता अतुल कुमार ने चुप्पी साध रखी है। सबसे खास बात यह है कि 2016 में यही अधिशासी अभियंता अतुल कुमार और बाबू दया शंकर पाठक इसी खंड में साथ साथ तैनात थे और कुछ शिकायतों के चलते दोनों का ही 2016 में ट्रांसफर हो गया था, लेकिन बाबू का खेल देखिये की बाबू ने जिला नहीं छोड़ा और कलेक्ट्रेट में अटैच हो गया, अब अधिशासी अभियंता फिर वापस इसी खंड में आ गए हैं।
सूत्र बताते हैं कि 2016 तक इनके कार्यकाल में हुए फर्जी कराए गए कामों और अनियमत कागजी रिकॉर्ड को सही करने के लिए ये वापस आये हैं, जब अतुल कुमार से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो वह कैमरे के सामने आने से बचते रहे।