सेंटर प्रभारी शिवम शर्मा बताते हैं कि इस बार धान की टूटन अधिक है। इसकी वजह दीपावली से पहले धान का पक जाना है। वह बताते हैं कि जिस धान की टूटन 50 फीसदी से अधिक है, उसका कम रेट पर लेने की बात शासन स्तर पर चल रही है। कुछ तय होते ही ऐसे किसानों को सूचित किया जाएगा। वह बताते हैं कि दीपावली तक किसानों को कूपन दिए जा चुके हैं। अब जो भी आ रहे हैं उनका दिवाली बाद ही नंबर पड़ेगा।
हरदोई जिले की संडीला तहसील के बेरुआ में बने धान क्रय केंद्र के प्रभारी शिवम शर्मा कहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को अपने धान की बानगी और रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर धान क्रय केंद्र पर आना होता हैं। यहां उनके धान की क्वालिटी जांची जाती है। मानकों के अनुरूप सही पाये जाने पर किसानों को टोकन नंबर दे दिया जाता है। वह बताते हैं कि ए ग्रेड के लिए धान में 67 फीसदी चावल होना चाहिए। अगर धान की टूटन 33 फीसदी तक होती है तो वह उसे ग्रेड में लेते हैं, लेकिन अगर 45 फीसदी तक है तो उसे बी ग्रेड में रखा जाता है। 45 फीसदी से कम अधिक टूटन पर धान नहीं लिया जाता है। इसके अलावा काला धान और अन्य विजातीय खामियां मिलने पर भी धान रिजेक्ट कर दिया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से समर्थन मूल्य पर ही धान बेचने की अपील करते हुए कहा है कि परेशान न हों सरकार सबका धान खरीदेगी। किसानों के धान की समय से खरीद हो और उनको पूरा समर्थन मूल्य मिले यह जिलाधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। किसी भी जनपद/ मण्डल में कोई भी अधिकारी यदि इसमें ढिलाई बरतता है अथवा लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाए।
उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से धान खरीद चल रही है। धान खरीदी के लिए करीब 4000 हजार केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2020-21 में 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रेड ए के धान के लिए सरकार ने एमएसपी 1888 रुपए प्रति क्विंटल और सामान्य के लिए 1,868 रुपए प्रति क्विंटल का भाव तय किया गया है। प्रदेश में यूपी राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम, पीसीएफ, पीएसयू, मंडी परिषद, भारतीय खाद्य निगम समेत 11 एजेंसियां धान की खरीद करेंगी। इसके अलावा रजिस्टर्ड सहकारी समितियां, कृषक उत्पादक समूह (एफपीओ और एससीपी), मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटी आदि के जरिए भी धान खरीदी की जा रही है।