वैसे तो संकटमोचन हनुमान मंदिर में तो रोजाना श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन भाद्रपद महीने के हर रविवार को हत्याहरण तीर्थ में विशाल मेला लगता है। मेले में पूरे उत्तर प्रदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पवित्र तीर्थ में डुबकी लगाने के बाद संकटमोचन हनुमान जी के दर्शन करना नहीं भूलते। चूंकि मेला कई एकड़ में फैला होता है, इसलिए प्रशासन की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। भादों महीने के आखिरी रविवार के मेले में तैनात बेनीगंज थाना क्षेत्र के कोतवाल जियाउद्दीन बताते हैं कि मेले में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 8 थानों की फोर्स, डेढ़ सेक्शन पीएसी और महिला कॉन्स्टेबल तैनात हैं।
हनुमान मंदिर के प्रांगड़ में पिछले कई महीनों से अखंड सीताराम का जप चल रहा है, जिसमें हरदोई जिले के कई ग्राम पंचायतों की टीमें हिस्सा ले रही हैं। हर ग्राम पंचायत की टीम ढोलक, मंजीरे और हारमोनियम के साथ 24 घंटे बिना रुके सीताराम नाम का जाप कर रही है। मंदिर के पुजारी आचार्य दिनेश बताते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से संकटमोचन हनुमान जी के दर्शन करता है, प्रभु उसकी सभी पीड़ा हर लेते हैं।
हत्याहरण तीर्थ लखनऊ जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी. दूर पश्चिम दिशा में, वहीं हरदोई जिला मुख्यालय से यह करीब 45 पूरब दिशा में स्थित है। अगर आप लखनऊ होकर यहां आना चाहते हैं तो बेहतर साधन हैं। उत्तर प्रदेश परिवहन की बसें हर आधे घंटे में हरदोई के लिए जाती हैं, जिनसे आप संडीला उतरें और फिर वहां से रोडवेज या प्राइवेट बस से कोथावां होते हुए हत्याहरण तीर्थ पहुंच सकते हैं। हर समय टैक्सी गाड़ियां भी उपलब्ध हैं। दूसरा विकल्प है कोथावां-अतरौली मार्ग, इसके लिए आपको लखनऊ के कैसरबाग से यूपी परिवहन निगम की बसें मिलेंगी, जो आपको दो से ढाई घंटे में हत्याहरण तीर्थ पहुंचा देंगी।
अगर आप इंडियन रेलवे की मदद से हत्याहरण तीर्थ पहुंचना चाहते हैं तो आपको लखनऊ-दिल्ली रेल रूट पर स्थित संडीला रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा। अगर आप कानपुर से आ रहे हैं तो आपको बेनीगंज रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा, जहां से हत्याहरण तीर्थ करीब 25 किमी दूर है। आप प्राइवेट टैक्सी से संकटमोचन हनुमान मंदिर पहुंच सकते हैं।