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हरदा

पिता का सपना पूरा करने सरहद पर तैनात हुए दो भाई

बचपन से इच्छा थी कि वो सैनिक बनकर देश की सेवा करें। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। लेकिन उनके बेटे सिद्धार्थ और श्रीनिधि के मन में देश सेवा का जज्बा था, जो उन्होंने सेना में शामिल होकर पूरा किया है।

हरदाJan 15, 2023 / 04:50 pm

Subodh Tripathi

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हरदा. देश की सीमा पर चौबीस घंटे सुरक्षा में तैनात रहने वाले जवानों की वजह से आज हम चैन की नींद सो पा रहे हैं। अपने परिवार से कोसों दूर रहकर उनका यह बलिदान अतुलनीय है। इनमें हरदा शहर के वार्ड 12 व्हीव्ही गिरी वार्ड में रहने वाले दो भाई सिद्धार्थ पारे (47) और श्रीनिधि पारे (35) भी शामिल हैं। जो भारतीय सेना में देश के विभिन्न जगहों पर की सेवा कर रहे हैं। अधिवक्ता सुभाष पारे ने बताया उनकी बचपन से इच्छा थी कि वो सैनिक बनकर देश की सेवा करें। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ। लेकिन उनके बेटे सिद्धार्थ और श्रीनिधि के मन में देश सेवा का जज्बा था, जो उन्होंने सेना में शामिल होकर पूरा किया है।

पारे ने बताया बड़े बेटे सिद्धार्थ ने बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई भोपाल से पूरी करते हुए ही वर्ष 1998 में भारतीय सेना में जाने के लिए ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद से वे सेना में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। छोटा बेटा श्रीनिधि वर्ष 2004 में आर्मी में हवलदार के पद पर पदस्थ थे। वह वर्तमान में देश की सीमा पर तैनात होकर सेवा कर रहे हैं।

गर्व है बेटों ने देश सेवा का रास्ता अपनाया

अधिवक्ता पारे ने कहा कि देश सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। आज बेटे हमसे दूर जरूर हैं, लेकिन मुझे दोनों बेटों पर गर्व हैं कि उन्होंने देश सेवा का रास्ता अपनाया। जहां पर व्यक्ति को जीवन में किस तरह से अनुशासन से रहना चाहिए, इसके बारे में सीखने को मिलता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। पारे ने कहा कि हर घर से एक बेटे को सेना में जरुर भेजना चाहिए, ताकि वह देश की सेवा कर सकें।

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