पं. मुरलीधर व्यास ने बताया कि राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए। कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, इसलिए रावण का विनाश हुआ। 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा। दोपहर 1.35 से शाम 4.35 बजे एवं शाम 7.30 से रात 9.30 के बीच में भी शुभ मुहूर्त हैं। इन शुभ मुहुर्त में रक्षा सूत्र बांधे जाएंगे।
रक्षाबंधन पर्व 3 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सावन माह का आखिरी सोमवार एवं पूर्णिमा भी है। सोमवार को ही श्रावण के व्रत का उद्यापन किया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु का संयोग भी बन रहा है। इससे रक्षाबंधन बहुत शुभ रहेगा। त्यौहार के मद्देनजर शनिवार को बाजार में राखियों की खरीदी की गई। बहनों ने अपने भाइयों के लि मनपसंद राखियां खरीदी।
रक्षाबंधन पर अच्छे ग्रह नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस संयोग में सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा यह आयुष्मान दीर्घायु योग है यानी भाई-बहन दोनों की आयु लंबी होगी। 3 अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है। मकर राशि का स्वामी शनि और सूर्य आपस मे समसप्तक योग बना रहे हैं। शनि और सूर्य दोनों आयु बढ़ाते हैं। ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है।
बाजार में रहा सन्नाटा, राखी की दुकानें भी बंद रहीं
संक्रमण की रोकथाम के लिए रविवार के पूर्ण लॉकडाउन का असर बाजार पर भी रहा। यहां सुबह से शाम तक सन्नाटा छाया रहा। सुबह से खुलीं जरूरी वस्तुओं की दुकानें सुबह 10 बजे बंद करा दी गई। इसके बाद सड़कों पर वे ही लोग नजर आए जो शहर से बाहर जा रहे थे या बेहद जरूरी कार्य से कहीं गए। इधर, मिडिल स्कूल मैदान पर लगा राखी बाजार भी दिनभर बंद रहा। कुछ लोगों ने सुबह दुकानें खोली तो इसकी शिकायत प्रशासन तक पहुंच गई। इसके बाद मुख्य द्वार पर ताला लगाकर ग्राहकी बंद कराई गई।