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हरदा

Harda Blast: जब कलेक्टर ने पटाखा फैक्ट्री बंद करा दी तो इस आईएएस ने क्यों कराई वापस शुरू?

Harda Factory Blast: मध्यप्रदेश के हरदा में हुए पटाखा फैक्ट्री के ब्लास्ट में अभी तक 14 मौतें आधिकारिक तौर पर सामने आई हैं। लेकिन यह सभी वह लोग हैं जो आसपास से गुजर रहे थे। फैक्ट्री के अंदर कितने लोग थे और उनके साथ क्या हुआ है, यह सच अभी तक सामने नहीं आ पाया है। 200 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।

हरदाFeb 07, 2024 / 08:44 am

shailendra tiwari

harda Blast News in Hindi
हरदा में हुए पटाखा फैक्ट्री के ब्लास्ट में एक आईएएस लपेटे में आ गए हैंं। दरअसल, इन्होंने कलेक्टर के आदेश को बदलकर इस फैक्ट्री को चलाने की मंजूरी दी थी। जिस पटाखा फैक्ट्री को बंद करने के आदेश कलेक्टर ने दे दिए थे। उसे आखिर किस मजबूरी के कारण इस आईएएस अफसर ने शुरू किया था, इसका जवाब मिलना अभी बाकी है। दरअसल, इसी फैक्ट्री में मंगलवार को एक के बाद एक जोरदार धमाके हुए, जिससे पूरा हरदा हिल गया और अब तक 14 की मौत हो गई है। माना जा रहा है कि मौतों का आंकड़ा काफी ज्यादा है, लेकिन ज्यादातर लाशों को तलाश पाना भी मुमकिन नहीं है। हालांकि हादसे के बाद भागते हुए हुए फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
2022 में संभागायुक्त की मेहरबानी से वापस शुरू हुई फैक्ट्री
28 सितंबर 2022 को हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने रिहायशी इलाके में बनी इस पटाखा फैक्ट्री को बंद करा दिया और भोपाल में विस्फोटक नियंत्रक को नोटशीट भेजकर इसका लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी कर दी। लेकिन मामला संभागायुक्त आईएएस अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने कलेक्टर ऋषि गर्ग के आदेश को बदल दिया और फैक्ट्री को वापस चलाने की मंजूरी दे दी। बताया जाता है कि उस वक्त में संभागायुक्त की भूमिका में माल सिंह भयडिया थे। जो उसके बाद भोपाल के भी संभागायुक्त बने थे।
आदतन अपराधी हैं फैक्ट्री मालिक
हरदा की इस पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल को आदतन अपराधी बताया जाता है। 2018 में भी इन्हें अवैध तरीके बारूद से भरी गाड़ी के कारण जेल भेजा गया था। उसके बाद 2020 में इनकी फैक्ट्री में तीन मौतें हुई थीं, उस वक्त भी यह दोनों जेल गए थे। इन पर कचरे में गलत तरीके से बारूद फेंकने का मामला भी बना, जिसके कारण एक व्यक्ति की कचरा जलाने से मौत हो गई थी।
आखिर किस भाजपा नेता का साथ
राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल पर भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ बताया जाता है, यही वजह है कि जब भी प्रशासन ने कुछ बड़ी कार्रवाई करनी चाही उसे रोक दिया गया। कहा जाता है कि राजनीतिक रसूख के कारण ही अग्रवाल भाईयों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई कभी नहीं हो पाई। रिहायसी इलाके में पट्टे की जमीन पर दोनों भाई धडल्ले से नियमों को दरकिनार करके पटाखा फैक्ट्री चला रहे थे। जिस अनहोनी की चेतावनी 2022 में कलेक्टर ने दी थी, वह 2024 में पूरी हो गई। बावजूद इसके फैक्ट्री बंद नहीं हो पाई।

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