28 सितंबर 2022 को हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने रिहायशी इलाके में बनी इस पटाखा फैक्ट्री को बंद करा दिया और भोपाल में विस्फोटक नियंत्रक को नोटशीट भेजकर इसका लाइसेंस रद्द करने की अनुशंसा भी कर दी। लेकिन मामला संभागायुक्त आईएएस अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने कलेक्टर ऋषि गर्ग के आदेश को बदल दिया और फैक्ट्री को वापस चलाने की मंजूरी दे दी। बताया जाता है कि उस वक्त में संभागायुक्त की भूमिका में माल सिंह भयडिया थे। जो उसके बाद भोपाल के भी संभागायुक्त बने थे।
हरदा की इस पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल को आदतन अपराधी बताया जाता है। 2018 में भी इन्हें अवैध तरीके बारूद से भरी गाड़ी के कारण जेल भेजा गया था। उसके बाद 2020 में इनकी फैक्ट्री में तीन मौतें हुई थीं, उस वक्त भी यह दोनों जेल गए थे। इन पर कचरे में गलत तरीके से बारूद फेंकने का मामला भी बना, जिसके कारण एक व्यक्ति की कचरा जलाने से मौत हो गई थी।
राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल पर भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ बताया जाता है, यही वजह है कि जब भी प्रशासन ने कुछ बड़ी कार्रवाई करनी चाही उसे रोक दिया गया। कहा जाता है कि राजनीतिक रसूख के कारण ही अग्रवाल भाईयों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई कभी नहीं हो पाई। रिहायसी इलाके में पट्टे की जमीन पर दोनों भाई धडल्ले से नियमों को दरकिनार करके पटाखा फैक्ट्री चला रहे थे। जिस अनहोनी की चेतावनी 2022 में कलेक्टर ने दी थी, वह 2024 में पूरी हो गई। बावजूद इसके फैक्ट्री बंद नहीं हो पाई।