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हापुड़ में कन्याओं को घरों पर पहुंचाया गया पैकेट बंद गिफ्ट लॉकडाउन के चलते बच्चे कन्या भोज करने दुसरो के घर नहीं जा पाए। ऐसे समय में बच्चों का कहना है कि हम हर साल कन्या भोज करने आस-पड़ोस के घरों में जाते थे और बहुत मस्ती भी करते थे, लेकिन इस बार उनके परिवार वाले उन्हें कहीं भी बाहर जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही इस बार कोई उन्हें बुलाने भी नहीं आया। महिलाओं का कहना है कि हर बार व्रत के बाद आसपास की नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के डर से लॉकडाउन के कारण हमने आस पड़ोस के किसी भी कन्या को कन्या भोज के लिए नहीं बुलाया है, क्योंकि कोरोनावायरस एक दूसरे से संक्रमित होता है। किसी के बच्चों को कोई परेशानी न हो, इसलिए किसी ने भी कन्या भोज का आयोजन नहीं किया है। कन्या भोज के बदले नया तरीका अपनाते हुए लोगों खाने और गिफ्ट के पैकिट बनाकर बच्चों के घरों पर ही भिजवा दिया।
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कन्याओं को सैनिटाइजर और मास्क देकर की नवमी की पूजा
वहीं मुरादाबाद में लोगों ने अलग तरीके से कन्या पूजा और उनकी सेवा की। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण जहां लोगों ने अपने घरों में ही कैद हैं। वहीँ कुछ जागरूक लोगों ने इसके लिए भी समाधान निकाला और सांकेतिक कन्या पूजन किया। इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखकर कन्याओं को सैनिटाइज करने के साथ उन्हें मास्क और सैनिटाइजर दिया। साथ ही इस बीमारी से बचाव के उपाय बताये।
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मेरठ में लोगों ने गरीब बच्चियों को खिलाया खाना
कोरोना लॉकडाउन का असर रामनवमी पर दिखा। सोशल डिस्टेंस के चलते देवी मां के भक्तों ने कन्या पूजन के लिए परिवार की कन्याओं को ही जिमाया। कालोनी या अन्य मोहल्लों की कन्याएं नहीं बुलाई गई। ऐसा ही कुछ अष्टमी पर भी किया गया था। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने ऐसा किया। कन्याएं भी एक से दूसरे मोहल्ले में नहीं जा सकीं। वहीं, परेशानी के इस मौके पर कुछ लोगों ने गरीबों का भी ख्याल रखा। इन लोगों ने गरीब कन्याओं को प्रसाद के रूप में भोजन पहुंचाया।