ग्रामीणों में दहशत का माहौल गंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। उत्तराखंड के पहाड़ों समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में दूर-दूर तक हो रही बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से गंगा नदी में एक बार फिर से उफान बढ़ रहा है। सैकड़ों एकड़ के जंगल और उससे जुड़े संपर्क रास्तों पर गंगा के उफान का पानी भर गया है। इससे पहले भी गंगा में पांच बार उफान आने के कारण बर्बादी झेल चुकीं फसलों में अब फिर से बर्बादी हो रही है।
पशुओं के चारे की होने लगी किल्लत
निचले जंगल में जलभराव होने से पशुओं के चारे की किल्लत होने लगी है। आसपास पानी भरा होने से लोगों का खेत तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। झमाझम बारिश होने के अलावा भी बिजनौर बैराज से बुधवार दोपहर करीब 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे आज दोपहर तक आने से ब्रजघाट गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
दर्जनों गांव प्रभावित गंगा में उफान आने से खादर क्षेत्र के गांव लठीरा, गड़ावली, नयाबांस, आरकपुर, बख्तावरपुर, मंढैया किशन सिंह, रामपुर न्यामतपुर, इनायतपुर, अब्दुल्लापुर, शाकरपुर, भगवंतपुर समेत कई गांवों के ग्रामीणों की दिक्कत बढ़ने के साथ ही उन्हें बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का डर भी सता रहा है। किसानों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार गंगा में उफान आ चुका है। जिसके कारण फसलों में पहले ही काफी बर्बादी हो चुकी है।
महज कुछ सेंटीमीटर दूर रह गया है येलो अलर्ट केंद्रीय जल आयोग एवं बाढ़ नियंत्रण आयोग के सूत्रों का कहना है कि 14 घंटों के भीतर 20 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण ब्रजघाट गंगा का जलस्तर बढ़कर समुद्रतल से 198.70 सेंटीमीटर के निशान पर पहुंच चुका है, जिससे येलो अलर्ट का 198.73 मीटर वाला निशाने से अब महज कुछ सेंटीमीटर दूर रह गया है। इस संबंध में एसडीएम अरविंद द्विवेदी ने बताया कि गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने को लेकर बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है।