कंक्रीट पत्थरों से गुजरने को मजबूर यात्री इससे यात्री रेल पटरियों के पास पड़े कंक्रीट पत्थरों को पार कर रेल गाड़ी पकडने को मजबूर है। इसके चलते यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। ट्रेन क्रॉसिंग के समय यात्रियों को कौनसी ट्रेन किस लाइन पर आनी है। इस बारे तक की जानकारी देने के लिए स्टेशन पर अनाउंसमैंट नहीं किया जाता। इसके पीछे वजह है कि यहां के स्टेशन पर इस तरह की कोई सुविधा नहीं है।
रेल यातायात बना परेशानी इस रेलवे स्टेशन पर चार रेल लाइनें हैं। प्लेटफार्म एक नंबर लाइन पर ही है। कौनसी ट्रेन प्लेटफार्म पर लगेगी यह निर्धारित नहीं है। क्रासिंग के समय जो ट्रेन पहले आती है। वह प्लेटफार्म पर लगती है। इसके बाद आने वाली गाड़ी को चार नंबर लाइन पर लिया जाता है, जहां यात्रियों के खड़े रहने की सुविधा तक नहीं है। चार नम्बर लाइन पर आने वाली गाड़ी से यात्रा करने वाले यात्री आनन फानन में कंक्रीट पत्थरों के बीच से तीन लाइनें पार करते हैं।
स्टेशन पर मुसीबतों की राह बुर्जुगों, महिलाओं तथा बच्चों के लिए रेल पटरी पार करना मुसीबतों से कम नहींं है। इसके चलते पत्थरों में पैर पड़ने से आए दिन यात्री चोटिल हो जाते हैं। पूर्व घोषणा नहीं होने के कारण गाड़ी को लाइन पर आते देख भगदड़ के कारण बहुत से यात्री गाड़ी पकड़ ही नहीं पाते। एक नवंबर से पूर्व कभी कभार ट्रेनों का क्रासिंग यहां हुआ करता था लेकिन अब रोजाना यहां क्रासिंग होना निर्धारित है। स्टेशन अधीक्षक रामप्रताप ने बताया कि सीएमआई सूरतगढ, पीआई हनुमानगढ तथा सीनियर डीसीएम बीकानेर को इसकी जाकनकारी देते हुए लाउडस्पीकर की मांग की जा चुकी है।