महिला मतदाताओं का अनुपात बढऩे का मुख्य कारण बीएलओ को दिए गए स्पष्ट निर्देश थे। स्कूलों और कॉलेजों में अध्ययनरत 18 वर्ष पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को वोटर बनने के लिए जागरूक किया गया। अन्य राज्यों से शादी कर जिले में आई महिलाओं के नाम भी मतदाता सूची में जोड़े गए। इसके लिए विवाह पंजीयन का डेटा का भी उपयोग किया गया। बीएलओ ने डोर-टू-डोर जाकर लोगों को नाम जुड़वाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रक्रिया में अन्य विभागों का सहयोग भी सराहनीय रहा।
-राजस्थान में लैंगिक अनुपात (जेंडर रेश्यो) पहले 924 था। जो अब बढकऱ 932 हो गया है।
-राजस्थान में मतदाताओं की कुल संख्या अब 5,45,69,501 हो गई है।
-राजस्थान में कुल 200 विधानसभा क्षेत्र निर्धारित हैं।
सुखद परिणाम आए
निर्वाचन विभाग के निर्देशानुसार मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। तीन महीने तक चले अभियान में काफी अच्छा परिणाम आया है। इस बार महिला मतदाताओं की संख्या काफी बढ़ी है। जेंडर रेश्यो में सुधार आने से सभी उत्साहित हैं। हमारी टीम ने विवाह पंजीयन के डाटा भी लिए। कॉलेजों में जाकर छात्राओं को वोट बनाने के लिए प्रेरित किया। इसके परिणाम सबके सामने हैं। आने वाले चुनावों के दृष्टिगत तैयार की जा रही मतदाता सूची में महिलाओं की संख्या काफी बढ़ी है।
महिला मतदाताओं की संख्या बढऩा अच्छी बात है। परंतु शीर्ष राजनीतिक दल टिकट वितरण के समय महिलाओं को तवज्जो नहीं देते। महिलाओं में सारी शक्तियां समाहित है। उन्हें मौका देंगे तो देश को निराश होने का मौका नहीं मिलेगा। हनुमानगढ़ की बात करें तो जब से विधानसभा गठित हुई है, तब से अब तक दोनों शीर्ष राजनीतिक दलों ने किसी भी महिला को टिकट नहीं दिया है।
-सुमन चावला, समाजेसवी, हनुमानगढ़